CG Hospital News: बिलासपुर के सिम्स में पर्ची काउंटर पर पर्चा बनाते समय खड़े-खड़े एक शख्स की जान चली गई। डॉक्टरों ने उसे हार्ट अटैक से मौत बताया है। परिजनों ने उपचार में लापरवाही बताकर विरोध किया, लेकिन लोगों की समझाइश के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मर्च्युरी भेज दिया गया।
CG Hospital News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सिम्स अस्पताल में शुक्रवार को पर्ची काउंटर पर पर्चा बनाते समय खड़े-खड़े एक शख्स की जान चली गई। डॉक्टरों ने उसे हार्ट अटैक से मौत बताया है। दरअसल, मरीज को इलाज से पहले बार-बार पर्ची कटवाने भेजा गया। इससे वह 54 मिनट तक पर्ची के लिए यहां-वहां भटकता रहा। अंतत: एमआरडी हॉल के पर्ची काउंटर में लाइन में लगे-लगे अचानक गिर गया और उसकी मौत हो गई।
CG Hospital News: तालापारा निवासी ऑटो चालक मोहम्मद शमशाद हुसैन (53 वर्ष) को बेचैनी के साथ सीने में जलन हो रही थी। वह अपने बेटे के साथ सुबह 8:21 बजे सिम्स के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने इलाज करने की बजाय उन्हें ओपीडी पर्ची बनवाने एमआरडी हॉल भेज दिया। वहां लाइन में लगकर 10 रुपए की पर्ची कटाई। वापस इमरजेंसी पहुंचे तो उसे दूसरी मंजिल में मेडिसिन ओपीडी के डॉक्टर के पास भेज दिया। वे जैसे तैसे वहां पहुंचे तो डॉक्टर ने ईसीजी कराने की सलाह देते हुए 50 रुपए की पर्ची बनवाने दोबारा एमआरडी हॉल भेज दिया। शमशाद हुसैन 9:14 बजे एमआरडी हॉल पहुंचे, पर्ची बनवाने फिर से लाइन में लगे। इस बीच 9:16 बजे वे वहीं गिर गए। देखते-देखते वह बदहवास होने लगे और 9:19 बजे उन्होंने एमआरडी हॉल ही में दम तोड़ दिया।
डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे तो हार्ट अटैक बताया: एमआरडी हॉल में शमशाद को जमीन पर लेटे हुए एमआरडी प्रभारी शैलेंद्र रावत ने देखा तो उन्होंने वहां मौजूद गार्ड लक्ष्मी दुबे को आवाज लगाई। लक्ष्मी तुरंत एक व्हीलचेयर लाया। लाइन में खड़े अन्य लोगों ने शमशाद को उठाकर व्हीलचेयर पर रखा। डॉक्टर के पास पहुंचे तो उनके शरीर में ईसीजी करने वाले उपकरण लगा दिए। चंद मिनट बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित करते हुए मौत का कारण हार्ट अटैक बताया।
परिजनों ने रोते हुए बताया कि वे घर से हंसते हुए ये कहकर ऑटो चलाते हुए निकले थे कि सीने में हल्की जलन हो रही है। डॉक्टर को दिखाकर घंटेभर में आता हूं। उनके साथ बेटा भी गया था। उसके बेटे ने बताया कि अब्बू ने इमरजेंसी में बैठे डॉक्टर से पहले सीने में जलन की बात कही। बीपी और पल्स जांच करने के बजाय बिना देखे हमें सीधा 10 रुपए की पर्ची कटवाने भेज दिया। ओपीडी के डॉक्टर ने भी कह दिया कि ईसीजी रिपोर्ट आएगी तो दवा लिख दूंगा। जांच से पहले 50 रुपए वाली पर्ची कटवाने आए थे। लेकिन अब्बू इसी दौरान लाइन में लगे-लगे ही गिर गए और हमें छोड़ गए।