CG News: बिलासपुर जिले ने हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों के 18 तहसीलदारों के तबादले पर रोक लगा दी है। इस संदर्भ में दायर याचिका में बताया गया था कि कुछ तहसीलदार प्रोबेशन अवधि में थे।
CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले ने हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों के 18 तहसीलदारों के तबादले पर रोक लगा दी है। इस संदर्भ में दायर याचिका में बताया गया था कि कुछ तहसीलदार प्रोबेशन अवधि में थे। हाईकोर्ट ने कहा कि सभी तहसीलदार सरकार के समक्ष आवेदन करें। सरकार को तहसीलदारों के आवेदन पर विचार करने के लिए कमेटी का गठन करने के निर्देश दिए।
CG News: हाईकोर्ट ने कहा कि कमेटी इस बात की समीक्षा करेगी कि तहसीलदारों का ट्रांसफर नियम के अनुसार हुआ है या नहीं। हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद अब सभी तहसीलदार अपने मूल स्थान पर पदस्थ रहेंगे। उल्लेखनीय है कि इसी माह राजस्व विभाग के 169 अफसरों का तबादला किया गया था। इसमें 55 तहसीलदार शामिल थे। तबादले पर कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने कहा था कि 2 साल में 6 बार ट्रांसफर हो चुका है। वहीं 4 महीने में ही उनका 4 बार तबादला किया जा चुका है। इसके बाद नीलमणि को सस्पेंड कर दिया गया था।
तबादले के विरुद्ध 18 से अधिक तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें तहसीलदार नीलमणि दुबे, अभिषेक राठौर, पेखन टोंडरे, प्रेरणा सिंह, राजकुमार साहू, राकेश देवांगन, जयेंद्र सिंह, प्रियंका बंजारा, प्रियंका टोप्पो, गुरु दत्त पंचभाई, सरिता मढ़रिया, विपिन बिहारी पटेल, दीपक चंद्राकर, कमलावती, माया अंचल शामिल हैं। जिनके ट्रांसफर पर कोर्ट ने रोक लगा दी।
सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर ट्रांसफर करने का आरोप लगाते कहा था कि मापदण्डों का पालन नहीं किया गया। यह सब राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले से हो रहा है।एक और आरोप था कि एक महिला तहसीलदार का 9 महीने में 3 बार तबादला किया गया। जब उसने पारिवारिक कारणों से अपने जिले में ट्रांसफर के लिए आवेदन किया तो 15 लाख रुपए मांगे गए।