बिलासपुर

हाईकोर्ट ने पलटा ट्रायल कोर्ट का फैसला, झगड़े में घायल होने से मौत पर आरोपी दोषमुक्त, जानें पूरा मामला

High Court: जमीन बटवारे के विवाद में विरोधी के सिर पर कथित रूप से लाठी मारने एवं घायल की 10 दिन बाद मौत के मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त किया है।

2 min read
हाईकोर्ट (photo-patrika)

Bilaspur High Court: जमीन बटवारे के विवाद में विरोधी के सिर पर कथित रूप से लाठी मारने एवं घायल की 10 दिन बाद मौत के मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त किया है। विचारण न्यायालय ने आरोपी को गैर इरादतन हत्या के आरोप में 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी।

सरगुजा के राजपुर थाने के ग्राम कोदू निवासी सेंदला का गांव के ही व्यक्ति धन्नू के साथ जमीन बंटवारे को लेकर 22 मार्च 2006 को झगड़ा हुआ था। गांव के ही कुछ लोगों ने बीच बचाव की कोशिश की।इसी दौरान आरोपी सेदला ने धन्नू के खिलाफ अपशब्द कहे और उसके सिर पर लकड़ी के डंडे से हमला किया। सिर में गंभीर चोट आने वह बेहोश हो गया। उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद परिजन उसको घर ले आए, जहां 31 मार्च 2006 को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में पोस्टमार्टम के बाद धारा 302 के तहत ट्रायल कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया।

ये भी पढ़ें

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: PHE भर्ती नियम को अवैधानिक पाकर किया निरस्त, कहा – बीई डिग्री वाले ज्यादा योग्य…

गवाही में विरोधाभास, इलाज में भी लापरवाही

विचारण न्यायालय ने 18 सितंबर 2007 को आरोपी को धारा 304 भाग 2 में 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई। सजा के खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की। अपील में कहा गया कि गवाहों ने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया है और अपने बयान से पलट गए हैं। गवाहों के बयानों में भी महत्वपूर्ण चूक और विरोधाभास है।

मारने का इरादा नहीं, झगड़ेे में घायल हुआ था मृतक

अपील में यह तर्क भी दिया गया कि, यह घटना अचानक झग?े के कारण हुई। अपीलकर्ता का धन्नू को मारने का कोई इरादा नहीं था। धन्नू शराब के नशे में अपीलकर्ता के घर आया और उसकी मां को पीटना शुरू कर दिया। उसने हस्तक्षेप करते हुए रोका और छीना झपटी में उसके सिर पर चोटें आईं और बाद में उसकी मृत्यु हो गई। हाईकोर्ट ने तर्कों से सहमति जताई।

Published on:
09 Jul 2025 12:08 pm
Also Read
View All

अगली खबर