बिलासपुर

बस्तर में स्कूल जाने का जोखिम! हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब, कहा- यह बर्दाश्त नहीं…

CG High Court: बिलासपुर जिले में बस्तर के दंतेवाड़ा और आसपास के जिलों में बच्चे टूटी पुलिया और उफनती नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं।

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उम्रकैद की सजा पाकर भी हुए मुक्त (Photo source- Patrika)

CG High Court: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में बस्तर के दंतेवाड़ा और आसपास के जिलों में बच्चे टूटी पुलिया और उफनती नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं। इस गंभीर स्थिति पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर राज्य सरकार को जवाब देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल जा रहे हैं, यह स्थिति असहनीय है।

CG High Court: जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस बीडी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि यह बच्चों की जिंदगी से जुड़ा संवेदनशील मामला है और ऐसी स्थिति बर्दाश्त नहीं की जा सकती। कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि बच्चों की जान को जोखिम में डालना अस्वीकार्य है। इस स्थिति का समाधान करने राज्य सरकार को कड़े निर्देश दिए गए हैं।

अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। मामला मीडिया रिपोर्ट के बाद सामने आया था, जिसमें स्कूली बच्चों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए। बच्चे उफनती नदी पार कर स्कूल पहुंच रहे थे। कोर्ट ने इसे बच्चों की जान से जुड़ा मामला मानते हुए जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई शुरू की है।

पुल बनाने क्या हो रहा, बताने के निर्देश

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने जानकारी दी कि, केंद्र को बड़े पुल के निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है। तकनीकी जांच के बाद 12 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। 20 अगस्त को संशोधित डीपीआर गृह मंत्रालय को भेज दी गई है। स्वीकृति मिलते ही निविदा प्रक्रिया पूरी कर पुल निर्माण का काम शुरू की जाएगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह केंद्र से हुई बातचीत और अब तक की कार्रवाई पर शपथपत्र प्रस्तुत करें।

Updated on:
06 Sept 2025 10:25 am
Published on:
06 Sept 2025 10:23 am
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