Smart Meter: प्रदेश में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का काम जारी है। इस बीच लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ कर्मचारी मीटर लगाने के पैसे की मांग कर रहे हैं। ऐसे में यह खबर आपके लिए है…
CG Smart Meter: बिजली विभाग अब शहर में पुराने मीटर को बदलकर उसकी जगह नया स्मार्ट मीटर लगा रहा है। ऐसे में अफसरों के पास लगातार शिकायत आ रही कि मीटर बदलने के नाम पर कर्मचारी पैसे की मांग कर रहे हैं। इसके बाद मुख्य अभियंता ने उपभोक्ताओं से अपील करते हुए एक नम्बर जारी करते हुए कहा कि कोई भी मीटर लगाने के बदले पैसे मांगे तो उनकी शिकायत इस नंबर पर सीधे संपर्ककर कर सकते हैं।
दरअसल केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने सभी राज्यों में स्मार्ट डिजिटल मीटर लगाने की योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर और अधिक पारदर्शी विद्युत आपूर्ति सेवाएं प्रदान करना है। इस योजना के तहत, बिलासपुर क्षेत्र में जीनस कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर का कार्य नि:शुल्क किया जा रहा है।
यह प्रक्रिया कोरबा, मुंगेली, पेण्ड्रारोड़ तथा बिलासपुर के शहरी और ग्रामीण संभागों में लागू की जा रही है। जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर मापन और रीयल-टाइम डेटा उपलब्ध होगा। स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं को बिलिंग प्रक्रिया में भी पारदर्शिता मिलेगी और विद्युत चोरी को भी रोकने में मदद मिलेगी।
विभाग के मुख्य अभियंता ए.के. अम्बस्ट ने सभी उपभोक्ताओं से अपील कि यदि किसी व्यक्ति या कर्मचारी द्वारा स्मार्ट मीटर के लिए पैसे मांगने की शिकायत आती है, तो उपभोक्ता तुरंत इसकी सूचना दें। शिकायत में संबंधित व्यक्ति का नाम, पता और मोबाइल नंबर शामिल करना आवश्यक है। शिकायतें जीनस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रिंस शर्मा को 9773358468 पर या निकटतम विद्युत विभाग कार्यालय में दर्ज कराई जा सकती हैं। उपभोक्ताओं को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि स्मार्ट मीटर लगाना एक तकनीकी प्रक्रिया है, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले उपकरणों का उपयोग किया जाता है।
बिजली विभाग के अफसरों ने बताया कि हाल ही में जानकारी मिली है कि कुछ लोगों द्वारा उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर लगाने के लिए अनधिकृत रूप से पैसे मांगने की घटनाएं सामने आई हैं। छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस कार्य के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया सरकार की ओर से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 8 लाख उपभोक्ताओं के मीटर बदले जाएंगे।