Unique Navratri Pandal: इस बार का दुर्गा उत्सव बिलासपुर में न केवल पारंपरिक भक्ति का प्रतीक है, बल्कि इसमें नवाचार, आधुनिकता और नए ट्रेंड्स का अनोखा संगम देखने को मिलेगा।
Unique Navratri Pandal: इस बार का दुर्गा उत्सव बिलासपुर में न केवल पारंपरिक भक्ति का प्रतीक है, बल्कि इसमें नवाचार, आधुनिकता और नए ट्रेंड्स का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। शहर के विभिन्न इलाकों में समितियां अपने पंडालों को थीम-बेस्ड और भव्य स्वरूप में तैयार कर रही हैं। इस बार विशेष आकर्षण के केंद्र बने हैं नवयुवक दुर्गोत्सव समिति और सिंह वाहिनी दुर्गा उत्सव समिति के पंडाल। दोनों समितियों ने अपने पंडालों में श्रद्धालुओं के लिए अनोखे अनुभव की योजना बनाई है।
मसानगंज की नवयुवक दुर्गोत्सव समिति इस बार अपने 57 वें वर्ष में मां दुर्गा का पंडाल लगभग पांच लाख गुपचुप से सजा रही है। समिति के अध्यक्ष नवीन रूपानी ने बताया कि इस बार पंडाल की थीम गुपचुप को आधार बनाकर तैयार की गई है। उनका कहना है कि गुपचुप हर वर्ग की पसंदीदा डिश है और भक्तों को भोग-प्रसाद के रूप में भी यही परोसा जाएगा।
इस अनोखे पंडाल की तैयारी के लिए कोलकाता से 20 अनुभवी कारीगर बुलाए गए हैं, जिन्होंने 14 सितंबर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया। समिति ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया है, ताकि श्रद्धालु निश्चिंत होकर माता के दर्शन कर सकें।
पंडाल में तीन विशालकाय 10-10 फीट के गुपचुप बनाए जाएंगे, जिसमें एकके भीतर मां दुर्गा की प्रतिमा ध्यान मुद्रा में विराजमान होगी। पंडाल में पूरी लाइटिंग और सजावट भी की जाएगी, जिससे भक्तों के लिए यह दृश्य अत्यंत आकर्षक और मंत्रमुग्ध कर देने वाला होगा।
नवयुवक दुर्गोत्सव समिति ने भोग-प्रसाद में भी विशेष नवाचार किया है। पांचों दिन श्रद्धालुओं को गुपचुप के रूप में प्रसाद दिया जाएगा। इमली के पानी को आयुर्वेदिक तरीके से तैयार किया जाएगा, जिसमें तुलसी और अन्य औषधीय तत्व मिलाकर इसे इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में प्रस्तुत किया गया है।