बूंदी

ऐतिहासिक स्मारकों को निहारते हुए निकाली विरासत यात्रा,समझाया महत्व

बूंदी महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को भी विविध आयोजन हुए।

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Nov 10, 2025
बूंदी के गढ की पड़स से निकाली गई हेरीटेज वॉक में शामिल लोक कलाकार व अन्य।

बूंदी. बूंदी महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को भी विविध आयोजन हुए। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह गढ़ पैलेस से रानी जी की बावड़ी तक निकाली गई विरासत यात्रा (हेरिटेज वॉक) के साथ हुई। लोक कलाकारों के नृत्य और गान के साथ निकाली गई इस यात्रा में देसी-विदेशी पर्यटक शामिल हुए। विरासत यात्रा गढ़ पैलेस से प्रारंभ होकर जैन मंदिर, ऐतिहासिक हाथी शिवप्रसाद हुंजा घोड़ा, लक्ष्मीनाथ का मंदिर, चारभुजा मंदिर राव भाव के सिंहासन, विभिन्न हवेलियों, तोपखाना, चौगान दरवाजा, नागर सागर कुंड, सूर्यमल मिश्रण की प्रतिमा को निहारते हुए रानी जी की बावड़ी पहुंची।

सैलानियों को हिंदी और अंग्रेजी में इन मॉन्यूमेंट्स का ऐतिहासिक महत्व एवं बनावट एवं शैली के बारे में बताया गया। सदर बाजार में आजाद बैंड के मास्टर मुश्ताक अली ने बांसुरी बजाकर सैलानियों का दिल जीत लिया। सैलानियों ने इन दृश्यों को अपने कैमरों में भी कैद किया और बूंदी की समृद्ध विरासत को देखकर रोमांचित हुए।

कच्ची घोड़ी के कलाकार आयुष मेहता के गीतों में नृत्य करते इस विरासत यात्रा के दौरान आगे-आगे चलें। इससे पूर्व विरासत यात्रा को जिला परिषद के मुय कार्यकारी अधिकारी रवि वर्मा,उपखंड अधिकारी लक्ष्मीकांत मीणा, इंटेक संयोजक राजकुमार दाधीच व राजेंद्र भारद्वाज ने झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा के दौरान के.सी.वर्मा, जयप्रकाश त्रिपाठी, औराक नय्यर, गाइड अश्विनी शर्मा,जयप्रकाश जैन आदि व्यवस्था बनाए हुए चल रहे थे।

Updated on:
10 Nov 2025 06:11 pm
Published on:
10 Nov 2025 06:10 pm
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