राज्य में वन्यजीव व बाघ संरक्षण की ²ष्टि से सोमवार का दिन ऐतिहासिक महत्व का रहा। जब मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से एक युवा बाघिन को बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में सफलता पूर्वक शिफ्ट किया गया। बाघिन को रविवार शाम ट्रेंकुलाइज कर वायु सेना के हेलीकॉप्टर से मध्य रात्रि जयपुर हवाई अड्डे पर लाया गया।
बूंदी.खटकड. राज्य में वन्यजीव व बाघ संरक्षण की ²ष्टि से सोमवार का दिन ऐतिहासिक महत्व का रहा। जब मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से एक युवा बाघिन को बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में सफलता पूर्वक शिफ्ट किया गया। बाघिन को रविवार शाम ट्रेंकुलाइज कर वायु सेना के हेलीकॉप्टर से मध्य रात्रि जयपुर हवाई अड्डे पर लाया गया। जहां से सडक़ मार्ग से सोमवार सुबह 6 बजकर 36 मिनट पर रामगढ़ के शॉफ्ट एनक्लोजर में शिफ्ट किया गया। बाघिन स्वस्थ है तथा उसकी नियमित मॉनिटङ्क्षरग की जा रही है। बाघिन को कुछ दिन एनक्लोजर में रखने के बाद खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि लंबे समय से रणथंभौर में एक ही ब्लड लाइन के बाघों का कुनबा राजस्थान के सभी टाइगर रिजर्व में बढ़ रहा था। वन्यजीव प्रेमी व बाघ संरक्षण से जुड़े लोग अन्य राज्यों से बाघ लाने व जिन पूल में बदलाव की मांग कर रहे थे। ऐसे में तेजी से उभरते रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में मध्यप्रदेश से बाघिन लाने को बाघ संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है। जल्दी ही रामगढ़ व मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व में चार बाघिन ओर लाने की योजना है।
बाघों के कुनबे में होगा बदलाव
अब तक राजस्थान के सभी बाघों में मछली बाघिन की ब्लड लाइन होने से इनब्रिङ्क्षडग का खतरा बना हुआ था। वन्यजीव प्रेमी व बाघ संरक्षण से जुड़े लोग लंबे समय से अन्य राज्यों से बाघ लाने ओर जिनपूल में बदलाव की मांग कर रहे थे। ऐसे में उभरते रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में मध्यप्रदेश से बाघिन लाने को बाघ संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
सुबह सफलतापूर्वक बाघिन को सॉफ्ट एनक्लोजर में शिफ्ट कर दिया है। इसको पांच-छ दिन एनक्लोजर में रखा जाएगा। उसके बाद खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। इसके बाद एक दो दिन में शिकार की व्यवस्था की जाएगी।
अरुण कुमार डी, उपवन संरक्षक, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, बूंदी