बूंदी

एक दशक में भी नहीं बना नार्दन बायपास तक पहुंचने का मार्ग

आधा दर्जन गांवों के लोगों को कच्चे माइनर से उबड़-खाबड़ रास्ते से होकर नार्दन बायपास पहुंचना पड़ रहा है। एक से दो फीट गहरे गड्ढों से वाहन चालकों को गुजरना पड़ता है।

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Feb 07, 2025
केशवरायपाटन। गुडला माइनर से नार्दन बाईपास तक पहुंचना मुश्किल

केशवरायपाटन. आधा दर्जन गांवों के लोगों को कच्चे माइनर से उबड़-खाबड़ रास्ते से होकर नार्दन बायपास पहुंचना पड़ रहा है। एक से दो फीट गहरे गड्ढों से वाहन चालकों को गुजरना पड़ता है। रोगियों के लेकर जाने वाले वाहनों का निकलना मुश्किल हो गया है। धार्मिक नगरी से कोटा जाने वाले वाहन चालकों को गुडला माइनर से गामछ नार्दन बायपास पहुंचने के लिए आधा किलोमीटर तक इस दुर्गम रास्ते से जाने की मजबूरी है।

इस लिंक सड़क मार्ग पर डामरीकरण के लिए ग्रामीणों ने कई बार ग्राम पंचायत गुडली व सार्वजनिक निर्माण विभाग के की बार ज्ञापन दिया जा चुका है। इस रास्ते से केशवरायपाटन, माधोराजपुरा, सूनगर, इन्द्रपुरिया, लाखेरी खुर्द, पटोलिया, गुडला के लोगों व वाहन निकलते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि रोगियों को इस रास्ते से होकर लेकर जाते समय वाहन कच्चे में फंस जाते हैं। नार्दन बाइपास तक जाने के लिए दो रास्ते हैं। एक रास्ता गुडला गांव के बीच से निकलता है। गांव की सकरी गली में कई बार वाहन फंस जाते हैं। इस रास्ते पर गुडला माइनर पार कर निकलना पड़ता है। माइनर के नाले की दीवार लबे समय से क्षतिग्रस्त पड़ी है। इसमें रात के समय अंधेरे रहने से दुर्घटना का खतरा रहता है।

कठिन है डगर
शहर से नार्दन बायपास पहुंचने के लिए रास्ता कठिनाइयों से भरा हुआ है। धार्मिक नगरी में भगवान केशव व मुनि सुव्रतनाथ स्वामी के दर्शन करने श्रद्धालु इसी रास्ते से आते जाते हैं। सकरा रास्ता होने से इसमें वाहन फंस जाते हैं। माइनर के किनारे सड़क के दोनों तरफ वाहनों को निकालने की जगह का अभाव है। कई बार पटोलिया के पास तो वाहन असंतुलित होकर माइनर में गिर जाते हैं। अब तक आधा दर्जन वाहन पलटा चुके हैं। किसानों को भी खेतों तक पहुंचना मुश्किल काम है। केशव मंदिर में नार्दन बायपास तक सुरक्षित बाइपास निकालने की मांग लबे समय से की जा रही है।

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