8th Pay Commission : केंद्र सरकार के करीब 90% ग्रेड-सी के कर्मचारी हैं।
8th Pay Commission 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक लागू हो सकता है। एक फिनटेक रिसर्च फर्म ने यह उम्मीद जताई है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 8वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक पे 18,000 रुपये से बढ़कर करीब 30,000 रुपये हो सकती है। यह भी अनुमान जताया गया है कि फिटमेंट फैक्टर 7वें वेतन आयोग के 2.57 के मुकाबले घट सकता है। इसके करीब 1.8 रहने का अनुमान है। इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में करीब 13% तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
Kotak Institutional Equities की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार फिलहाल आयोग के Terms of Reference (ToR) को अंतिम रूप दे रही है और आयोग के सदस्यों की नियुक्ति करना बाकी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अब तक के आयोग के टेन्योर को देखें तो किसी भी पे कमिशन को अपनी सिफारिशें देने में औसतन डेढ़ साल का समय लगता है और उसके बाद केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी ली जाती है, जिसके बाद इसे लागू करने में 3 से 9 महीने का समय लगता है। इस रफ्तार से अगर 8वें वेतन आयोग की फाइल चली तो इसके 2026 के आखिर या 2027 में आने की उम्मीद है।
कोटक का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने से सरकारी खजाने पर असर पड़ेगा, जिसका प्रभाव देश की GDP का 0.6% से 0.8% तक हो सकता है। यानी कुल 2.4 लाख करोड़ से 3.2 लाख करोड़ का अतिरिक्त खर्च सरकार को करना पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा केंद्र सरकार के 33 लाख कर्मचारियों को होगा, जिनमें करीब 90% ग्रेड-सी के कर्मचारी हैं। संयुक्त कर्मचारी परिषद के महामंत्री आरके वर्मा बताते हैं कि अगर बेसिक पे में 12000 रुपये महीने की बढ़ोतरी होती है तो यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी बात है। यह फायदा लेवल 1 के कर्मचारियों को होगा। इससे ऊपर के लेवल के अफसरों को और ज्यादा बढ़ोतरी मिलेगी।
| मौजूदा बेसिक | संभावित बेसिक | फिटमेंट फैक्टर | कितनी बढ़ोतरी |
| 18,000 | 30,000 | 1.8 | 13% (अनुमानित) |
इतिहास बताता है कि ऐसी वेतन बढ़ोतरी से कंजम्शन और सेविंग में अस्थायी तेजी आती है। विशेष रूप से ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर गुड्स जैसे क्षेत्रों में खरीदारी बढ़ेगी, हालांकि यह प्रभाव दीर्घकालिक नहीं होता।
कोटक की रिपोर्ट यह भी बताती है कि 8वां वेतन आयोग कंजम्शन बढ़ाने के साथ-साथ फिजिकल और फाइनेंशियल एसेट में बचत को बढ़ावा देगा। उनका अनुमान है कि वेतन बढ़ने के बाद 1 लाख करोड़ से 1.5 लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त बचत हो सकती है। बता दें कि 7वें वेतन आयोग और One Rank One Pension Scheme के कारण 2017 में GDP ग्रोथ रेट में करीब दो प्रतिशत की तेजी देखी गई थी।