जून 2025 में ड्रेस अलाउंस को लेकर अलग आदेश आया था। अब उसमें संशोधन हुआ हैै।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने उनके एक अलाउंस में अहम बदलाव किया है। सरकार ने Dress Allowance के नियमों में संशोधन किया है, जिससे डाक विभाग में न केवल नए भर्ती कर्मचारियों बल्कि साल के बीच में रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी फायदा मिलेगा। नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक 1 जुलाई 2025 के बाद नौकरी ज्वॉइन करने वाले कर्मचारी भी ड्रेस अलाउंस पाने के हकदार होंगे। इसके साथ ही अक्टूबर 2025 में रिटायर हो चुके या होने वाले कर्मचारियों से वसूली भी होगी।
ड्रेस अलाउंस उन कर्मचारियों को दिया जाता है, जिन्हें ड्यूटी के दौरान यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य होता है। यह अलाउंस पहले अलग-अलग मिलने वाले कई भत्तों को समाहित करता है, मसलन कपड़े का भत्ता, यूनिफॉर्म रखरखाव भत्ता, जूते का भत्ता, गाउन भत्ता और उपकरण भत्ता। पोस्टल विभाग ने इसे अपने यहां लागू करते हुए कहा कि अब जो कर्मचारी साल के बीच में ज्वॉइन करते हैं या रिटायर होते हैं, उन्हें अनुपातित ड्रेस अलाउंस मिलेगा। यह कदम ऐसे कर्मचारियों के लिए राहत देने वाला है, जिन्हें पहले अपने अलाउंस को लेकर भ्रम रहता था।
इससे पहले जून 2025 में जारी आदेश में कहा गया था कि जुलाई 2025 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारी 2020 के पुराने नियमों के तहत रहेंगे, जब तक कि वित्त मंत्रालय से सफाई नहीं मिल जाती। अब फाइनेंस मिनिस्ट्री की मंजूरी के बाद यह तय किया गया है कि नए भर्ती कर्मचारियों की तरह साल के बीच में रिटायर कर्मचारियों को भी भत्ता अनुपात के आधार पर दिया जाएगा।
पोस्टल विभाग ने बताया कि ड्रेस अलाउंस जुलाई की सैलरी के साथ दिया जाता है। इसलिए, इस साल रिटायर होने वाले कई कर्मचारियों को पहले ही भत्ते का पूरा या आधा हिस्सा मिल चुका है। नए नियमों के अनुसार, अक्टूबर 2025 से रिटायर होने वाले कर्मचारियों से अतिरिक्त रकम वसूल की जा सकती है। हालांकि, 30 सितंबर 2025 से पहले रिटायर कर्मचारियों से कोई वसूली नहीं की जाएगी।
नए कर्मचारियों के लिए भी साफ किया गया है कि जो कर्मचारी जुलाई 2025 से पहले शामिल हुए, उन्हें जून 2025 तक लागू नियमों के अनुसार ड्रेस भत्ता मिलेगा। ऐसा इसलिए लिया गया है क्योंकि कुछ कर्मचारियों की जुलाई 2025 की सैलरी में बीते साल का अलाउंस शामिल नहीं था। इसे अब सुधारने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि भत्ते के नए नियम को लेकर भ्रम खत्म करेंगे और साल के बीच में शामिल या रिटायर कर्मचारियों के लिए प्रक्रिया आसान होगी। कर्मचारियों को अब यह चिंता नहीं होगी कि उनका भत्ता कैसे और कब मिलेगा।