जैसे-जैसे उपभोक्ता जागरूकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही सोशल मीडिया व इंटरनेट पर कस्टमर केयर हेल्पलाइन भी बढ़ रही हैं। कंज्यूमर हेल्पलाइन के नाम पर धोखेबाज व नकली वेबसाइट्स भी उपभोक्ता समस्याओं के समाधान का झूठा वादा कर लोगों के साथ ठगी कर रही हैं। ये साइबर ठगी का भी माध्यम बन जाती हैं। उपभोक्ताओं को इंटरनेट व सोशल मीडिया पर आ रहे ऐसे हेल्पलाइन नंबरों का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहना चाहिए और उसकी विश्वसनीयता की पहले जांच करनी चाहिए। किसी भी प्रकार का भुगतान करते समय अधिक जांच-परख की जरूरत है। सरकारी हेल्पलाइन नि:शुल्क है और कोई शुल्क नहीं लेती।
जैसे-जैसे उपभोक्ता जागरूकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही सोशल मीडिया व इंटरनेट पर कस्टमर केयर हेल्पलाइन भी बढ़ रही हैं। कंज्यूमर हेल्पलाइन के नाम पर धोखेबाज व नकली वेबसाइट्स भी उपभोक्ता समस्याओं के समाधान का झूठा वादा कर लोगों के साथ ठगी कर रही हैं। ये साइबर ठगी का भी माध्यम बन जाती हैं।
उपभोक्ताओं को इंटरनेट व सोशल मीडिया पर आ रहे ऐसे हेल्पलाइन नंबरों का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहना चाहिए और उसकी विश्वसनीयता की पहले जांच करनी चाहिए। किसी भी प्रकार का भुगतान करते समय अधिक जांच-परख की जरूरत है। सरकारी हेल्पलाइन नि:शुल्क है और कोई शुल्क नहीं लेती।
दर्ज कराएं शिकायत
यदि उपभोक्ताओं के साथ इस तरह की गड़बड़ी होती है तो उसे राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नं. 1915 या साइबर हेल्पलाइन नं. 1930 पर तत्काल शिकायत दर्ज करानी चाहिए। यदि सही वेबसाइट सेवा प्रदान नहीं करती तो उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है।
-डॉ. अनन्त शर्मा, नेशनल चेयरमैन, कंज्यूमर कॉन्फेडरेशन