EPFO Interest Rate FY 2024-25: वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की GDP में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि हुई। FY 2022-23 में अर्थव्यवस्था में 7.2 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सरकार को चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।
EPFO Interest Rate FY 2024-25: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) बोर्ड ने शुक्रवार को 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर को बरकरार रखा। हालांकि, इस डिसीजन से EPFO ग्राहकों का उत्साह कम होने की संभावना है। दरअसल, EPFO कर्मचारी इस महंगाई और सामान्य आर्थिक संकट के बीच ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे।
EPFO बोर्ड ने पिछले वर्ष की EPF जमा ब्याज दरों को बरकरार रख। PF को 2022-23 में 8.15 प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़ाकर 2023-24 के लिए 8.25 फीसदी कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘EPFO की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने शुक्रवार को अपनी बैठक में 2024-25 के लिए EPF पर 8.25 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है।’’ द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) को EPF सदस्यों से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करनी थी। इसमें हाई PF पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कार्यान्वयन की समीक्षा, कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (EDLI) से संबंधित प्रस्ताव आदि मुद्दे शामिल थे।
EPF जमा पर 2021-22 में ब्याज दरें घटाकर चार दशक के निचले स्तर 8.1% पर ला दी गईं। 2020-21 के लिए EPF जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर का फैसला CBT ने मार्च 2021 में किया था। CBT के फैसले के बाद 2024-25 के लिए EPF जमा पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा।
वर्तमान EPF जमा ब्याज दर वर्ष 2015-16 के EPF जमा दर से काफी कम है, जब यह 8.8 प्रतिशत हुआ करती थी। उसके बाद, EPFO ने अपने करोड़ों ग्राहकों के लिए EPF जमा दर को धीरे-धीरे कम किया है। कोविड महामारी के दौरान EPF जमा दर में उल्लेखनीय कमी आई थी।
मार्च 2020 में EPFO ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत कर दिया था। वहीं 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया गया था। EPFO ने 2016-17 में अपने ग्राहकों को 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान की थी।
विश्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि भारत को 2047 तक विकसित देश बनने की अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अगले 22 वर्षों में औसतन 7.8 प्रतिशत की वृद्धि की आवश्यकता होगी। विश्व बैंक की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की पिछली उपलब्धियां इसकी भविष्य की महत्वाकांक्षाओं के लिए आधार प्रदान करती हैं। विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर
ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा, "चिली, कोरिया और पोलैंड जैसे देशों से सबक दिखाते हैं कि कैसे उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपने एकीकरण को गहरा करके मध्यम-से-उच्च आय वाले देशों में सफलतापूर्वक बदलाव किया है। भारत सुधारों की गति को बढ़ाकर और अपनी पिछली उपलब्धियों के आधार पर अपना रास्ता खुद बना सकता है।"