ETF v/s Index Funds: ईटीएफ और इंडेक्स फंड्स, पैसिव निवेश के बेहतरीन विकल्प हैं। ईटीएफ में कम एक्सपेंस रेश्यो होता है, जबकि इंडेक्स फंड्स में ब्रोकरेज शुल्क नहीं होता, लेकिन फीस ज्यादा हो सकती है।
ETFs v/s Index Funds: आज के दौर में निवेशक जहां ज्यादा रिटर्न और स्थिरता की तलाश में रहते हैं, वहीं पैसिव इन्वेस्टिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है। एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और इंडेक्स फंड्स, पैसिव इन्वेस्टमेंट के दो बेहतरीन विकल्प माने जाते हैं। दोनों का उद्देश्य किसी खास इंडेक्स को फॉलो करके स्थिर और डाइवर्सिफाइड रिटर्न देना है। कम लागत, आसान निवेश और कम रिस्क की वजह से लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स के बीच ये दोनों फंड्स खासे लोकप्रिय हैं। लेकिन सवाल उठता है कि दोनों में से बेहतर कौन है? क्या आपको अपने पोर्टफोलियो में ईटीएफ जोड़ना चाहिए या इंडेक्स फंड्स ही सही रहेंगे? आइए, विस्तार से समझते हैं।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि दोनों फंड्स निवेशकों के लिए बेहतरीन विकल्प हैं, लेकिन दोनों की कार्यप्रणाली, ट्रेडिंग पैटर्न और लिक्विडिटी में कुछ अंतर है, जो निवेश के निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं।
| पैरामीटर | ईटीएफ (ETF) | इंडेक्स फंड (Index Fund) |
|---|---|---|
| ट्रेडिंग प्रक्रिया | स्टॉक एक्सचेंज पर स्टॉक्स की तरह ट्रेड होते हैं | दिन के अंत में एनएवी के आधार पर खरीद-बिक्री होती है |
| लिक्विडिटी | बाजार में डिमांड-सप्लाई पर निर्भर | कम लिक्विड, केवल फंड हाउस के जरिए खरीदे-बेचे जा सकते हैं |
| डीमैट अकाउंट | अनिवार्य | जरूरी नहीं |
| निवेश का तरीका | लंपसम ही निवेश कर सकते हैं | एसआईपी और लंपसम दोनों ऑप्शन मौजूद |
| ट्रांजैक्शन कॉस्ट | ब्रोकरेज चार्ज और एक्सचेंज शुल्क लागू | कोई ब्रोकरेज नहीं, लेकिन मैनेजमेंट फीस थोड़ी ज्यादा |
ईटीएफ और इंडेक्स फंड्स के बीच सबसे बड़ा अंतर उनकी ट्रेडिंग प्रक्रिया में है।
ईटीएफ (ETF): स्टॉक्स की तरह एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं और दिनभर ट्रेड (ETF) किए जा सकते हैं। बाजार की स्थितियों के हिसाब से अलग-अलग समय पर खरीद-बिक्री की जा सकती है। लिक्विडिटी काफी ज्यादा होती है, लेकिन इसका असर ईटीएफ की प्राइसिंग पर भी पड़ सकता है।
इंडेक्स फंड (Index Fund): इसमें ट्रेडिंग फ्लेक्सिबिलिटी नहीं होती, क्योंकि इन्हें केवल दिन के अंत में एनएवी (NAV) पर खरीदा-बेचा जा सकता है। लंबी अवधि के लिए बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि बार-बार खरीद-बिक्री करने की जरूरत नहीं होती।
निवेशकों को अक्सर यह चिंता होती है कि किसी फंड में निवेश करने पर कितना खर्च आएगा।
ईटीएफ (ETF) में एक्सपेंस रेश्यो कम होता है, लेकिन चूंकि ये स्टॉक्स की तरह ट्रेड होते हैं, इसलिए बार-बार खरीदने या बेचने पर ब्रोकरेज चार्ज देना पड़ता है। इंडेक्स फंड्स में ब्रोकरेज चार्ज नहीं लगता, लेकिन मैनेजमेंट फीस थोड़ी ज्यादा हो सकती है। अगर कोई निवेशक फ्रीक्वेंट ट्रेडिंग करना चाहता है, तो ईटीएफ बेहतर साबित हो सकता है। वहीं, जो लॉन्ग टर्म निवेश करना चाहता है और हर दिन बाजार के उतार-चढ़ाव से बचना चाहता है, उसके लिए इंडेक्स फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
अगर आप इंडेक्स फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यहां कुछ बेहतरीन विकल्प हैं जो पिछले 5 सालों में अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं:
| स्कीम का नाम | 5 साल का औसत रिटर्न (%) |
|---|---|
| डीएसपी निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स फंड | 19.66% |
| यूटीआई निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स फंड | 17.05% |
| डीएसपी निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स फंड | 16.88% |
| आईसीआईसीआई निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स | 16.83% |
| बंधन निफ्टी 50 इंडेक्स फंड | 15.41% |
अगर आपको चाहिए ज्यादा लिक्विडिटी तो ईटीएफ बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि आप इन्हें कभी भी बाजार में खरीद या बेच सकते हैं। अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं तो इंडेक्स फंड बेहतर रहेंगे, क्योंकि इन्हें बिना बार-बार ट्रेडिंग किए लंबे समय तक होल्ड किया जा सकता है। अगर आप ब्रोकरेज चार्ज से बचना चाहते हैं तो इंडेक्स फंड्स बिना किसी अतिरिक्त ब्रोकरेज चार्ज के उपलब्ध होते हैं। अगर आपको चाहिए फ्लेक्सिबिलिटी तो ईटीएफ ज्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं, क्योंकि आप इन्हें बाजार में किसी भी समय खरीद-बेच सकते हैं।