सरकारी कर्मचारियों को कम दिन के अवकाश के लिए बार-बार डॉक्टर के पास जाकर मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के झंझट से निजात मिलेगी।
सरकारी कर्मचारियों की बड़ी डिमांड पूरी हो सकती है क्योंकि सरकार उस पर विचार करने को राजी हो गई है। दरअसल, छुट्टियों की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकारी कर्मचारियों के बड़े संगठन Government Employees National Confederation (GENC) ने सरकार के पास डिमांड रखी थी। इसके बाद केंद्रीय नागरिक सेवा (छुट्टी) नियम, 1972 में बदलाव की मांग उठी, जिससे कर्मचारी अपनी Half Pay Leave (HPL) को Commuted Leave में बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के परिवर्तित कर पाएंगे।
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बता दें कि कंफेडरेशन के एक प्रतिनिधि मंडल ने सरकार से यह डिमांड की थी कि वर्तमान नियम के तहत HPL को Commuted Leave में बदलने के लिए मेडिकल लगाना अनिवार्य होता है, जिसे 3 दिनों तक की छुट्टी के लिए हटाया जाए। उनका तर्क था कि छोटे और जरूरी कारणों से छुट्टी लेने में यह प्रक्रिया कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बनती है। इस पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रतिक्रिया दी कि यह मांग पूरी तरह से उचित है। उन्होंने संबंधित विभाग को इसे प्राथमिकता से जांचने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस संशोधन पर शीघ्र विचार होगा।
जीईएनसी के महामंत्री मुकेश सिंह के मुताबिक अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो सरकारी कर्मचारियों को कम दिन के अवकाश के लिए बार-बार डॉक्टर के पास जाकर मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के झंझट से निजात मिलेगी। इससे सरकारी सेवा में कामकाजी माहौल कर्मचारी अनुकूल बनेगा। वर्तमान में भारत में लाखों सरकारी कर्मचारी हैं, जो विभिन्न विभागों में सेवा दे रहे हैं। इनमें से कई कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो छुट्टी लेने के लिए अतिरिक्त प्रक्रिया से गुजरते हैं। इस नए प्रस्ताव से कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि प्रस्ताव पर विस्तार से विचार करने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय संबंधित पक्षों से सुझाव भी आमंत्रित कर सकता है।