GST Registration Limit: जीएसटी नोटिस के डर से बड़ी संख्या में छोटे दुकानदार डिजिटल पेमेंट लेने से डरते हैं। कई ऐसे रेहड़ी-पटरी वाले हैं, जिनके पास भी जीएसटी का नोटिस पहुंच चुका है।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए टर्नओवर की तय सीमा को बढ़ाकर एक करोड़ रुपए तक किया जा सकता है। देश में यूपीआई ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जा सकता है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने वित्त मंत्रालय से जीएसटी रजिस्ट्रेशन की लिमिट एक करोड़ रुपए किए जाने की मांग की है। बैंक और वित्तीय संस्थानों ने वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि छोटे दुकानदारों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन के दायरे से बाहर रखा जाए, ताकि वे बेहिचक यूपीआई के जरिए लेन-देन कर सकें।
पिछले कुछ महीनों से इस मामले में कई स्टेकहोल्डर्स के बीच चिंतन चल रहा है। सबकुछ ठीक रहा तो नए नियम के तहत 1 करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को रजिस्ट्रेशन से छूट मिल सकती है। यह छूट मिलने पर रेहड़ी वालों और छोटे दुकानदारों को बड़ी राहत मिलेगी। वे बिना किसी डर के यूपीआई से लेन-देन कर सकेंगे। अभी इन दुकानदारों को जीएसटी नोटिस का डर लगा रहा है। इस चक्कर में वे डिजिटल ट्रांजेक्शन से बचते हैं।
मौजूदा नियमों के मुताबिक, 40 लाख रुपये से ज्यादा सालाना टर्नओवर होने पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन जरूरी है। इससे जीएसटी नोटिस का खतरा बना रहता है। पिछले कुछ दिनों में देखने को मिला है कि गोलगप्पे वाले ने 40 लाख की कमाई की। सब्जी वाले ने 40 लाख से ज्यादा कमाई की। इससे कई रेहड़ी वाले दुकानदारों को जीएसटी नोटिस थमा दिया गया था। नोटिस के डर से छोटे कारोबारी यूपीआई के जरिए पेमेंट स्वीकार कराना बंद कर रहे हैं। बैंकों ने बड़े यूपीआई ट्रांजेक्शंस पर सरकार से एमडीआर चार्जेज लगाने पर विचार करने को भी कहा है।
यह वह फीस होती है, जिसे व्यापारी बैंकों को पेमेंट सर्विस मुहैया करवाने की एवज में देते हैं। अभी यूपीआई और रुपे डेबिट कार्ड से लेनदेन पर एमडीआर चार्जेज नहीं लगते हैं। बैंकों का कहना है कि सरकार को बड़े ट्रांजेक्शंस पर एमडीआर चार्जेज लगाने चाहिए।