आसान कैलकुलेशन के जरिए समझिए कि लंबे समय में कौन सा विकल्प आपको ज्यादा फायदा देता है.
अक्सर हम होम लोन को जल्द से जल्द चुकाने की कोशिश में रहते हैं. लेकिन क्या ये सही अप्रोच है. आज हम इसी को समझेंगे, कैलकुलेशन को बेहद आसान रखने की कोशिश करेंगे ताकि पिक्चर एकदम साफ साफ समझ आए. मान लीजिए कि आपने 20 साल के लिए 50 लाख रुपये का होम लोन लिया हुआ है. 3 साल यानी 36 महीने आपने उसकी EMI भी चुकाई है, लेकिन इन तीन सालों में आपकी सैलरी बढ़ी है. अब आप ये सोच रहे हैं कि होम लोन को जल्द से जल्द चुकाकर फ्री हुआ जाए. इसके लिए आप EMI की रकम को बढ़ाकर 20 साल का लोन अगले 10 साल में खत्म करना चाहते हैं.
अब सवाल ये है कि होम लोन को जल्द चुकाना सही होगा, या फिर बढ़े हुए पैसे को म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने से ज्यादा फायदा होगा. इस सवाल का जवाब जाने के लिए कुछ आसान कैलकुलेशन करनी होगी.
होम लोन राशि: 50 लाख रुपये
EMI: 41,822 रुपये
36 महीने में में कुल रकम चुकाई: 15.05 लाख
चौथे साल से ओपनिंग बैलेंस: 46.55 लाख रुपये
3 साल के बाद अवधि घटी: 10 साल
नई EMI की रकम: 56,489 रुपये
10 साल में कुल रकम बैंक देनी होगी: 67.78 लाख
13 साल में कुल रकम दी गई: 15.05 + 67.78 = 82.83 लाख रुपये
3 साल तक 50 लाख रुपये का होम लोने चुकाने के बाद, चौथे साल में ओपनिंग बैलेंस 46.55 लाख रुपये रहेगा. ये आप किसी भी होम लोन EMI कैलकुलेटर से देख सकते हैं. तो अब आपको 8% की दर से अगले 10 साल तक नई EMI 56,489 रुपये चुकानी है. इस 10 साल में आप बैंक को कुल 67.78 लाख रुपये देंगे. जबकि कुल 13 साल में आप बैंक को 82.83 लाख रुपये देंगे. तो अब देखते हैं कि आपने इससे कितना ब्याज बचाया है
13 साल में कुल रकम दी: 82.83 लाख रुपये
20 साल में कुल ब्याज बनता है: 50,37,281 रुपये
शुरू के 3 सालों में ब्याज चुकाया: 11,61,499 रुपये
10 साल में कुल ब्याज बनेगा: 21,22,773 रुपये
कुल ब्याज की बचत होगी: 50,37,281 - 11,61,499 + 21,22,773 = 17.53 लाख रुपये
यानी अगर आप 3 साल बाद ये चुनते हैं कि आप अपनी EMI को बढ़ाकर होम लोन को जल्द से जल्द खत्म करना है, तो आप 17.53 लाख रुपये की बचत ब्याज के तौर पर कर पाएंगे. अगर आप इस बात से बहुत खुश हैं तो अभी ये कहानी अधूरी है, क्योंकि अगली कैलकुलेशन म्यूचुअल फंड्स के निवेश को लेकर है, तभी पता चल पाएगा कि कौन सा विकल्प ज्यादा बेहतर है.
मान लीजिए कि आप अपने होम लोन को पूरे 20 साल तक जारी रखते हैं या कोई प्रीमेंट नहीं करते हैं, जैसा है वैसा ही चलने देते हैं. पहले आपने तय किया था कि 3 साल के बाद होम लोन का प्रीपेमेंट करेंगे, इससे आपकी EMI की रकम भी बढ़ थी. अब जो बढ़ी हुई EMI की रकम है उसको आप म्यूचुअल फंड्स में SIP के जरिए निवेश करते हैं. तब देखते हैं कि आपकी वेल्थ 20-3 = 17 साल में कितनी हो जाएगी. अगर 12 परसेंट का औसत रिटर्न लेकर चलें.
मंथली SIP: 56,489 - 41,822 = 14,667 रुपये. इसको हम मोटा मोटा 15,000 रुपये लेकर चलते हैं.
मंथली SIP: 15,000 रुपये
निवेश की अवधि: 17 साल
अनुमानित रिटर्न: 12%
कुल निवेशित राशि: 30,60,000
रिटर्न: 63,01,100 रुपये
कुल वैल्यू: 93,61,100 रुपये
किसमें फायदा?
तो आप यहां देख सकते हैं कि अगर आप होम लोन को जल्द खत्म करना चाहते हैं तो आप ब्याज के रूप में सिर्फ 17.53 लाख रुपये की ही बचत कर पाते हैं. लेकिन अगर वही रकम आप म्यूचुअल फंड्स में SIP के जरिए निवेश करते हैं, तो आप इंटरेस्ट रिटर्न के रूप में 63 लाख रुपये पाएंगे और आपका कुल कॉर्पस 93 लाख रुपये से ज्यादा का हो जाएगा.
अब असल में आपको कितना फायदा होगा, जब आप होम लोन को भी जारी रखते हैं और SIP निवेश को भी जारी रखते हैं. देखिए.
SIP से मिला रिटर्न-होम लोन प्रीपेमेंट से बचत = 63 लाख रुपये - 17.53 लाख रुपये = 45.47 लाख रुपये
यानी आपको 45.47 लाख रुपये का फायदा होगा. अगर आप होम लोन को भी जारी रखते हैं और SIP को भी जारी रखते हैं.
देखिए यह कैलकुलेशन एक simplified अनुमान है. SIP में मिलने वाला रिटर्न मार्केट लिंक्ड है ये कोई गारंटी नहीं कि आपको 12 परसेंट ही रिटर्न मिलेगा. आसान सी कैलकुलेशन के जरिए समझाने की कोशिश है, इसमें हमने टैक्स बेनेफिट्स और टैक्स कटौतियों की बात नहीं की है. वैसे तो होम लोन सबसे सस्ता लोन होता है, इसको वैसे भी जारी रखना चाहिए, क्योंकि इसके टैक्स बेनेफिट भी बहुत सारे हैं. इस पर फिर कभी चर्चा करेंगे.
म्यूचुअल फंड में रिटर्न क्यों ज्यादा मिला, इसकी दो मुख्य वजहें हैं, पहली तो ये कि इसमें कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है दूसरी ये कि म्यूचुअल फंड में इंटरेस्ट ज्यादा मिलता है. इसलिए अगर आपका भी प्लान होम लोन जल्द चुकता करने का है, तो अपने निवेश सलाहकार से मशवरा कर लें, उसके बाद देखें कि आपको किसमें और कितना फायदा हो रहा है.