Food Inflation India 2025: बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2025 में खाद्य वस्तुओं के दामों में गिरावट के कारण महंगाई दर 2% तक सीमित रहने का अनुमान है।
Food Inflation India 2025: देश में महंगाई को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। बैंक ऑफ बड़ौदा की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2025 (August inflation 2025) में खुदरा महंगाई दर (CPI) सिर्फ 2 प्रतिशत रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि खाने-पीने की चीज़ों की कीमतों में लगातार गिरावट (India food inflation) के कारण महंगाई में यह बड़ी राहत संभव हो सकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, आवश्यक वस्तु सूचकांक (ECI) पिछले चार महीनों से निगेटिव जोन में बना हुआ है। अगस्त में यह -1% और सितंबर के शुरुआती 9 दिनों में -0.9% तक गिरा है। इसका मतलब यह है कि रोज़मर्रा की चीजें जैसे सब्ज़ी, दालें, तेल आदि सस्ती हो रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा गिरावट प्याज और आलू की कीमतों में देखी गई है। प्याज की खुदरा कीमत में -37.5% तक की कमी आई है, जो जनवरी 2021 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं, आलू के दाम 44 महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार दालों के दामों में भी अच्छी खासी गिरावट देखी जा रही है। तुअर/अरहर दाल की कीमतों में अगस्त में -29% की गिरावट आई है। इसके अलावा उड़द (-8.9%), मूंग (-5.2%) और मसूर (-1.4%) में भी गिरावट दर्ज की गई है। इसकी बड़ी वजह खरीफ सीजन में अच्छी पैदावार बताई जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक खाद्य वस्तुओं के दामों में यह गिरावट मुख्य रूप से सब्ज़ियों की अच्छी फसल के कारण आई है। टमाटर, प्याज और आलू जैसे जरूरी आइटम की उपलब्धता बढ़ने से बाजार में सप्लाई सामान्य रही, जिससे दाम काबू में रहे।
बैंक ऑफ बड़ौदा का मानना है कि केंद्र सरकार की ओर से FMCG और टिकाऊ वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती का भी महंगाई पर अच्छा असर पड़ा है। इससे खुदरा महंगाई दर पर 55 से 75 आधार अंक तक असर पड़ सकता है।
सिर्फ देश में ही नहीं, वैश्विक स्तर पर भी खाद्य और ऊर्जा की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। इसका भी फायदा भारत को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और अन्य खाद्य पदार्थों के दाम कम होने से घरेलू कीमतों पर दबाव कम हुआ है।
यह खबर आम उपभोक्ताओं के लिए वाकई बहुत बड़ी राहत लेकर आई है। खाने-पीने की जरूरी वस्तुओं की कीमतों में गिरावट से लोगों के घरों के बजट पर अच्छा असर पड़ेगा। महंगाई की इस चपेट में आने वाले कई परिवारों को सांस लेने का मौका मिलेगा।
अब यह देखना होगा कि आगामी महीनों में ये दाम स्थिर रहेंगे या फिर फिर से बढ़ने लगेंगे। साथ ही, सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का महंगाई पर कितना स्थायी प्रभाव पड़ता है, इसे भी नजर में रखा जाएगा। क्या जीएसटी में कटौती का असर लंबे समय तक बना रहेगा, यह महत्वपूर्ण सवाल है।
महंगाई में कमी के पीछे सिर्फ अच्छी फसल ही नहीं, बल्कि वैश्विक बाजारों में ऊर्जा और खाद्य सामग्री की कीमतों में स्थिरता भी एक बड़ा कारण है। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने भी उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प और कीमतों की पारदर्शिता मुहैया कराई है।
बहरहाल इस रिपोर्ट से साफ है कि आने वाले दिनों में महंगाई पर लगाम लगने की उम्मीद है। रोज़मर्रा की जरूरी चीजें जैसे सब्ज़ी, दाल, अनाज और FMCG उत्पाद अब पहले से सस्ते हो सकते हैं। यह आम आदमी के बजट के लिए बड़ी राहत की खबर है।
(इनपुट क्रेडिट: आईएएनएस.)