कर-मुक्त बॉन्ड एक प्रकार का फिक्स इनकम सोर्स है। जहां बॉन्डधारकों को दिया जाने वाला ब्याज आयकर से मुक्त होता है। ये बॉन्ड आमतौर पर सरकारी कंपनियों, नगर निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा जारी किए जाते हैं। इनकी मैच्युरिटी अवधि आमतौर पर 10 से 20 वर्ष तक होती है और ये अपेक्षाकृत कम ब्याज दर प्रदान करते हैं। यह गुण उन्हें उच्च कर ब्रैकेट वाले निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है।
कर-मुक्त बॉन्ड एक प्रकार का फिक्स इनकम सोर्स है। जहां बॉन्डधारकों को दिया जाने वाला ब्याज आयकर से मुक्त होता है। ये
बॉन्ड आमतौर पर सरकारी कंपनियों, नगर निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा जारी किए जाते हैं। इनकी मैच्युरिटी
अवधि आमतौर पर 10 से 20 वर्ष तक होती है और ये अपेक्षाकृत कम ब्याज दर प्रदान करते हैं। यह गुण उन्हें उच्च कर ब्रैकेट वाले निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है।
वर्तमान में कर-मुक्त बॉन्ड पर प्रतिफल 5% से 5.10% की सीमा है। अपने मासिक निवेश पर विचार करते समय जोखिम व वित्तीय लक्ष्यों को समझना महत्त्वपूर्ण है। इक्विटी बेस्ड पोर्टफोलियो बना सकते है।
एक प्रभावी रणनीति यह हो सकती है कि SIP के माध्यम से इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू करें। यह धीरे-धीरे पर्याप्त कोष बनाने में प्रभावी होगा। इक्विटी के माध्यम से संभावित वृद्धि का लाभ मिलता है।