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Mahakumbh 2025 आस्था में 3 लाख करोड़ रुपये का व्यापार, देश की अर्थव्यवस्था को मिला बढ़ावा

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ, जिससे यह भारत के प्रमुख आर्थिक आयोजनों में शामिल हुआ। यह आयोजन धार्मिक आस्था और व्यापार का केंद्र बना है।

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Feb 19, 2025

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ ने भारतीय अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक योगदान दिया है। इस महोत्सव के दौरान 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ, जिससे यह भारत के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों में से एक बन गया है। इस आयोजन से आतिथ्य, परिवहन, खुदरा और अन्य क्षेत्रों में व्यापार को अभूतपूर्व बढ़ावा मिला है।

धार्मिक आयोजन और आर्थिक शक्ति का संगम (Mahakumbh 2025)

महाकुंभ (Mahakumbh 2025), जो 144 वर्षों में एक बार होता है, इस बार प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव और चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि यह आयोजन न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि एक विशाल आर्थिक अवसर भी साबित हुआ है। खंडेलवाल के अनुसार, प्रारंभिक अनुमान के अनुसार इस बार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन और 2 लाख करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना थी। लेकिन देशभर से उत्साह और भागीदारी (Mahakumbh 2025) को देखते हुए यह आंकड़ा बढ़कर 60 करोड़ श्रद्धालुओं तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे कुल व्यापार 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।

स्थानीय व्यापार में जबरदस्त उछाल

महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के दौरान प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों में व्यापार को अप्रत्याशित गति मिली है। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के कारण महाकुंभ-थीम वाले उत्पादों जैसे डायरी, कैलेंडर, जूट बैग और स्टेशनरी की मांग में भारी इजाफा हुआ है। इसके अलावा, होटल, धर्मशालाओं और गेस्ट हाउसों में बुकिंग पूरी तरह से भरी हुई है, जिससे आतिथ्य उद्योग में उछाल आया है।

आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले प्रमुख क्षेत्र

महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के कारण कई प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में तेज आर्थिक गतिविधियां देखी गई हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
-आतिथ्य और आवास: होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं की बुकिंग उच्चतम स्तर पर है।

  • भोजन और पेय पदार्थ: रेस्तरां, स्ट्रीट फूड विक्रेताओं और प्रसाद निर्माताओं की बिक्री में भारी वृद्धि हुई है।
  • परिवहन और लॉजिस्टिक्स: बस, ट्रेन, टैक्सी और अन्य परिवहन सेवाओं की मांग बढ़ी है।
  • धार्मिक वस्त्र और पूजा सामग्री: वस्त्र, मालाएं, धूप-अगरबत्ती, गंगाजल और अन्य धार्मिक सामग्री की बिक्री चरम पर है।
  • हस्तशिल्प, वस्त्र और उपभोक्ता वस्त्र: स्थानीय कारीगरों और व्यापारियों को व्यापार का बड़ा लाभ मिला है।
  • स्वास्थ्य और कल्याण सेवाएं: अस्पताल, आयुर्वेदिक केंद्र और मेडिकल सुविधाओं की सेवाएं व्यापक रूप से बढ़ी हैं।
  • मीडिया, विज्ञापन और मनोरंजन: धार्मिक चैनलों, सोशल मीडिया प्रमोशन और आउटडोर विज्ञापन उद्योग को भी बढ़ावा मिला है।
  • सार्वजनिक सेवाएं: सफाई, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से जुड़े व्यवसायों को भारी मुनाफा हुआ है।
  • टेलीकॉम और प्रौद्योगिकी: मोबाइल नेटवर्क, एआई-आधारित सुरक्षा उपकरण और सीसीटीवी कैमरों की मांग में उछाल आया है।

महाकुंभ से आसपास के क्षेत्रों को भी लाभ

महाकुंभ (Mahakumbh 2025) का आर्थिक प्रभाव सिर्फ प्रयागराज तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके 150 किमी के दायरे में स्थित अन्य शहरों और कस्बों तक भी फैला है। विशेष रूप से अयोध्या, वाराणसी और अन्य धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। राम मंदिर दर्शन के लिए अयोध्या, काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए वाराणसी और अन्य तीर्थ स्थलों पर यात्रियों की बढ़ती संख्या ने स्थानीय व्यापार को बड़ा लाभ दिया है।

यूपी सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर में ऐतिहासिक निवेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 7500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसमें फ्लाईओवर, सड़कें, अंडरपास और अन्य सुविधाओं को विकसित करने के लिए किए गए खर्च शामिल हैं। महाकुंभ की विशेष तैयारियों के लिए सरकार ने 1500 करोड़ रुपये की अलग से व्यवस्था की थी।

महाकुंभ का दीर्घकालिक आर्थिक प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि महाकुंभ का यह आर्थिक योगदान भारत के व्यापार, वाणिज्य और सांस्कृतिक परिदृश्य को नई दिशा देगा। यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर व्यावसायिक संभावनाओं को भी बढ़ावा देता है। यह महाकुंभ आने वाले वर्षों के लिए एक नया आर्थिक बेंचमार्क स्थापित कर सकता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई ऊर्जा

महाकुंभ 2025 ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई ऊर्जा दी है। प्रयागराज में आयोजित यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक रूप से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित हुआ है। इससे स्थानीय व्यापार, पर्यटन और विभिन्न क्षेत्रों को बड़े पैमाने पर लाभ हुआ है। सरकार और व्यापार जगत (Mahakumbh 2025) को अब इस आर्थिक प्रभाव को और मजबूत करने के लिए दीर्घकालिक

Updated on:
19 Feb 2025 03:32 pm
Published on:
19 Feb 2025 03:06 pm
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