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सरकार की यह पेंशन योजना नहीं भा रही केंद्रीय कर्मचारियों को, 30 जून है लास्ट डेट

यूपीएस को चुनने की डेडलाइन 30 जून 2025 तक है। यानी जो मौजूदा और रिटायर्ड कर्मचारी 30 जून तक यूपीएस नहीं चुनेंगे, उन्हें नेशनस पेंशन स्कीम (एनपीएस) में ही माना जाएगा।

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Jun 02, 2025
10 साल की सेवा वाले अब पा सकते हैं UPS के तहत अतिरिक्त लाभ (फोटो पत्रिका नेटवर्क)

नई दिल्ली. देश में अधिक से अधिक सरकारी (केंद्रीय) कर्मचारी रिटायरमेंट पर 50% गारंटीड पेंशन देने वाली यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में स्विच करें, इसके लिए केंद्र सरकार जागरूकता अभियान तेज करने की तैयारी में है। एक अप्रैल, 2025 को यूपीएस लागू होने के बाद से अब तक इसे सरकारी कर्मचारियों की ओर से ठंडा रेस्पॉन्स मिला है। सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों में यूपीएस के फायदे और स्विच करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने के लिए पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिखाया जा रहा है।

इसके साथ ही एनपीएस ट्रस्ट ने यूपीएस कैलकुलेटर भी जारी कर दिया है, ताकि कर्मचारी मिलने वाली पेंशन खुद कैलकुलेट कर सकें। इसके बावजूद अभी तक 10,000 से कम कर्मचरियों ने एनपीएस से स्विच कर यूपीएस को अपनाया है, जबकि देश में 27 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी हैं। यूपीएस को चुनने की डेडलाइन 30 जून 2025 तक है। यानी जो मौजूदा और रिटायर्ड कर्मचारी 30 जून तक यूपीएस नहीं चुनेंगे, उन्हें नेशनस पेंशन स्कीम (एनपीएस) में ही माना जाएगा और वे फिर कभी यूपीएस नहीं चुन पाएंगे, अगर सरकार इसकी तिथि आगे नहीं बढ़ाती है।

इसलिए हिचकिचा रहे

विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारी अभी यह गुना-भाग करने में लगे हैं कि एनपीएस या यूपीएस में से उनके लिए कौन अधिक फायदेमंद हो सकता है। यूपीएस में रिटायरमेंट पर एकमुश्त मिलने वाली राशि एनपीएस के मुकाबले कम होने, पूरी पेंशन के लिए लंबी सर्विस जैसे कई कारण है, जिसका कर्मचारी आकलन कर रहे हैं। एनपीएस में रिटायरमेंट पर 40% राशि एन्यूटी में निवेश करना होता है, जिसमें वे मूलधन वापस होने का विकल्प (रिटर्न ऑफ परवेज प्राइस) चुन सकते हैं। पर यूपीएस में ऐसा कोई विकल्प नहीं हैं। कर्मचारी के डिपेंडेंट की मृत्यु होने पर एन्युटी राशि वापस नहीं होती है।

किन राज्यों ने अपनाया

यूपीएस अपनाने वाला पहला राज्य महाराष्ट्र है। गुजरात, बिहार, ओडिशा, असम सहित कई बीजेपी शासित राज्यों ने इसे अपनाया है। मध्यप्रदेश भी इसे लागू करने की तैयारी में है। हालांकि, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की तरफ से राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू होने से दोनों राज्यों में यूपीएस को लेकर अभी पेच फंसा है। उत्तर प्रदेश ने भी इसे नहीं अपनाया है। कई राज्य नफा-नुकसान का आकलन कर रहे हैं। गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने यूपीएस नहीं अपनाया है।

किसे कितना पेमेंट मिलेगा

1- सुनिश्चित भुगतान

अगर कर्मचारी ने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की है और ओवरएज, स्वैच्छिक रिटायरमेंट या रूल 56 (झ) के तहत रिटायर हुआ है, तो उसे अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन मिलेगा।
गणनाः सुनिश्चित भुगतान = (2x औसत वेतन) × (पूरी सेवा के महीने/300)
अगर सेवा 120 महीनों यानी 10 साल से कम है, तो कोई भुगतान नहीं मिलेगा।
अगर सेवा 300 महीनों (25 साल) से ज्यादा है, तो अधिकतम सीमा 300 ही मानी जाएगी।

2- न्यूनतम गारंटीड भुगतान

अगर कर्मचारी ने कम से कम 10 साल की सेवा की है, तो उसे हर महीने कम से कम 10,000 रुपए का भुगतान मिलेगा। लेकिन यह तभी लागू होगा जब ऊपर दिए गए फॉर्मूले से निकली रकम 10,000 रुपए से कम हो।
अगर सेवा 10 साल से ज्यादा लेकिन 25 साल से कम है, तो भुगतान आनुपातिक रूप में किया जाएगा।

3- स्वीकृत भुगतान

कुछ मामलों में सुनिश्चित भुगतान को कम किया जा सकता है। जैसे अगर व्यक्तिगत कॉर्पस तय बेंचमार्क कॉर्पस से कम है। या कर्मचारी ने कॉर्पस का 60% तक निकाल लिया है।
गणनाः स्वीकृत भुगतान सुनिश्चित कॉर्पस/बेंचमार्क कॉर्पस) ×
उदाहरण: यदि कॉर्पस 10 लाख रुपए था और 60% निकाला गया है, तो शेष 40% के अनुसार रकम दी जाएगी।
भुगतान (व्यक्तिगत (1-निकासी प्रतिशत)
नोटः अगर किसी कर्मचारी का व्यक्तिगत कॉर्पस बेंचमार्क से कम है, तो वह रिटायरमेंट की तारीख तक उस अंतर को पूरा कर सकता है।

कौन कर सकता है नामांकन ?

  1. मौजूदा कर्मचारी, जो 1 अप्रैल 2025 तक एनपीएस के तहत आते हैं।
  2. नए भर्ती कर्मचारी, जो 1 अप्रैल या उसके बाद केंद्रीय नौकरी में शामिल होंगे।
  3. रिटायर्ड कर्मचारी या उनके आश्रित, जो एनपीएस के तहत कवर थे और 31 मार्च 2025 तक या तो रिटायर्ड हो चुके हैं या स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले चुके हैं।

यूपीएस में क्या मिलेगा ?

1- सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
2- न्यूनतम 10,000 रुपए मासिक पेंशन की गारंटी दी गई है, बशर्ते कर्मचारी की कम से कम 10 साल की सेवा हो।

Published on:
02 Jun 2025 08:06 pm
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