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RBI To Sell Bond: RBI राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से बेचेगा सरकारी बॉन्ड, जुटाएगा 4.73 लाख करोड़ रुपए का फंड

RBI To Sell Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि वह जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से 4.73 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड जारी करेगा। आइए जानते है पूरी खबर।

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RBI To Sell Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि वह जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से 4.73 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड जारी करेगा। इस कदम का उद्देश्य बाजार से धन जुटाकर विभिन्न राज्यों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि वह आगामी नीलामी प्रक्रिया को बाजार (RBI To Sell Bond) की स्थितियों और अन्य आवश्यक कारकों को ध्यान में रखते हुए बिना किसी रुकावट के आयोजित करेगा। इसके तहत, जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में उधार को समान रूप से वितरित करने का प्रयास किया जाएगा।

नीलामी का साप्ताहिक कार्यक्रम और प्रक्रिया (RBI To Sell Bond)

आरबीआई ने इस योजना के तहत एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें नीलामी का साप्ताहिक कार्यक्रम और इसमें भाग लेने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नाम शामिल हैं। केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि उधार की वास्तविक राशि और भाग लेने वाले राज्यों की सूची नीलामी (RBI To Sell Bond) की तारीख से दो से तीन दिन पहले प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से साझा की जाएगी। नीलामी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए, आरबीआई बाजार की स्थितियों और अन्य आवश्यक कारकों का ध्यान रखेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उधार को तिमाही के दौरान समान रूप से वितरित किया जाए।

नीलामी की तिथियों में बदलाव का अधिकार

आरबीआई (RBI To Sell Bond) ने यह भी कहा है कि वह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श के बाद नीलामी की तारीखों और राशि में बदलाव करने का अधिकार रखता है। यह कदम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 293(3) के तहत भारत सरकार की अनुमति और बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगा।

सरकारी बॉन्ड क्या हैं?

सरकारी बॉन्ड (RBI To Sell Bond) या सरकारी सिक्योरिटीज (G-Sec) एक प्रकार का वित्तीय उपकरण है, जिसे केंद्र सरकार या राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाता है। यह बॉन्ड सरकार के कर्ज़ के दायित्व को दर्शाता है।

सरकारी सिक्योरिटीज़ को दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है

शॉर्ट टर्म सिक्योरिटीज: इन्हें ट्रेजरी बिल्स कहा जाता है, जिनकी मैच्योरिटी एक वर्ष से कम होती है।
लॉन्ग टर्म सिक्योरिटीज: इन्हें सरकारी बॉन्ड या डेटेड सिक्योरिटीज कहा जाता है, जिनकी मैच्योरिटी एक वर्ष या उससे अधिक होती है। सरकारी बॉन्ड में डिफॉल्ट का जोखिम नहीं होता है और इन्हें रिस्क-फ्री गिल्ट-एज्ड इंस्ट्रूमेंट्स के रूप में जाना जाता है।

बॉन्ड जारी करने का महत्व

इस प्रक्रिया के माध्यम से आरबीआई (RBI To Sell Bond) न केवल राज्यों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि राज्यों की उधारी प्रक्रिया बाजार के लिए अनुकूल और व्यवस्थित हो।

कैसे होगा धन का वितरण?

आरबीआई (RBI To Sell Bond) ने कहा है कि वह नीलामी प्रक्रिया को बाधा-रहित बनाने के लिए कदम उठाएगा और तिमाही के दौरान धन का वितरण समान रूप से करेगा। यह प्रक्रिया राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की वित्तीय आवश्यकताओं को संतुलित करने और बाजार में तरलता बनाए रखने में मदद करेगी।

वित्तीय स्थिरता की ओर कदम

आरबीआई (RBI To Sell Bond) का यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी विकास परियोजनाओं और अन्य वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह बाजार में निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प भी प्रदान करेगा।

Updated on:
01 Jan 2025 12:00 pm
Published on:
01 Jan 2025 11:56 am
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