RBI Repo Rate: रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट (0.5%) की कटौती की जिसके बाद रेपो रेट 6% से घटकर 5.5% हो गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने आज 6 जून 2025 को बैठक के बाद एक बड़ा फैसला सुनाया। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ऐलान किया कि रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट (0.5%) की कटौती की गई है, जिसके बाद रेपो रेट 6% से घटकर 5.5% हो गया है। यह 2025 में तीसरी बार रेपो रेट में कटौती है, जिससे होम लोन, ऑटो लोन और अन्य कर्ज की EMI में कमी आने की उम्मीद है।
RBI की यह कटौती कम होती महंगाई और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा है। अप्रैल 2025 में खुदरा महंगाई दर 3.16% के छह साल के निचले स्तर पर थी, जो RBI के 4% के लक्ष्य से काफी नीचे है। इसके साथ ही, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मंदी की आशंकाओं के बीच RBI ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए यह कदम उठाया।
सस्ते होंगे लोन: रेपो रेट में कटौती से बैंकों के लिए RBI से कर्ज लेना सस्ता होगा, जिसका फायदा ग्राहकों को सस्ते होम, ऑटो और पर्सनल लोन के रूप में मिल सकता है।
EMI में राहत: जिन लोगों ने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है, उनकी EMI में कमी आ सकती है।
आर्थिक विकास को बढ़ावा: सस्ते कर्ज से कारोबार और उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, जिससे MSME, रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों को फायदा होगा।
बैंकों ने पहले ही शुरू की तैयारी: फरवरी 2025 से अब तक रेपो रेट में कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरें कम की हैं।
पॉलिसी स्टांस में बदलाव: RBI ने अपनी पॉलिसी स्टांस को 'एकोमोडेटिव' से बदलकर 'न्यूट्रल' कर दिया है, जो यह दर्शाता है कि भविष्य में रेट कट का दायरा सीमित हो सकता है।
यह फैसला आम जनता के लिए राहत भरा है, खासकर उन लोगों के लिए जो लोन की EMI चुकाने में दबाव महसूस कर रहे थे। अब सभी की नजर इस बात पर है कि बैंक इस कटौती का फायदा कितनी जल्दी ग्राहकों तक पहुंचाते हैं।