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अमेरिका और यूरोप के बाज़ारों में उथल-पुथल और 1.2 ट्रिलियन डॉलर इक्विटी की गिरावट से भारत पर क्या असर पड़ा ?

India Retail investors: भारत का शेयर बाजार पिछले कुछ महीनों से एक महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौती का सामना कर रहा है, खासकर खुदरा निवेशकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

3 min read
Mar 23, 2025
Economic Turmoil

India Retail investors: भारत में 1.2 ट्रिलियन डॉलर की इक्विटी गिरावट (Equity decline) ने खुदरा निवेशकों (retail investors) को मुश्किल में डाल दिया है, और म्यूचुअल फंड्स (mutual funds) में निवेश में 30% की कमी आई है, जिन्होंने वैश्विक फंडों (global funds) के पलायन के बीच बाज़ार का समर्थन किया था। इस वजह से वैश्विक फंडों का पलायन और आर्थिक अस्थिरता (economic instability) के कारण नए निवेशकों की संख्या में भी गिरावट आई है। अब ये गिरावट उनकी वफादारी और संकल्प की कड़ी परीक्षा बन गई है। इसके साथ ही, यह पूरे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा संकेत है कि घरेलू म्यूचुअल फंड्स में भारी गिरावट आई है और बाज़ार में नए निवेशक बहुत कम आ रहे हैं।

म्यूचुअल फंड्स में गिरावट के आंकड़े और प्रभाव

भारत में अक्टूबर के रिकॉर्ड उच्च स्तर से लेकर अब तक, घरेलू म्यूचुअल फंड्स में निवेश में लगभग 30% की गिरावट आई है। यह आंकड़ा दिखाता है कि भारतीय खुदरा निवेशक, जो पहले भारतीय इक्विटी बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति थे, वे अब न केवल बाजार के उतार-चढ़ाव से परेशान हैं, बल्कि अपनी निवेश रणनीतियों पर फिर से सोचने पर मजबूर हैं।

नए निवेशकों की संख्या अब दो साल के निचले स्तर पर पहुंच चुकी

भारत में खुदरा निवेशकों की आमद भी बहुत धीमी हो गई है। नए निवेशकों की संख्या अब दो साल के निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। महामारी के दौरान, जब भारतीय शेयर बाजार में तेजी थी, तो वैश्विक और घरेलू निवेशकों ने भारी निवेश किया था, लेकिन अब उस सकारात्मक माहौल में कमी आई है।

खुदरा निवेशकों की भूमिका और उनकी मानसिकता में बदलाव

पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय खुदरा निवेशक एक प्रमुख भूमिका में थे। महामारी के दौरान जब दुनिया भर में इक्विटी बाजारों में तेजी आई थी, तो भारत में भी खुदरा निवेशकों ने तेजी से निवेश करना शुरू किया था। ये निवेशक सामान्यतः लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, लेकिन इस बार उनके सामने जो चुनौती आई है, वह बड़ी है। अब वे गिरावट में फंसे हुए हैं और उनमें निवेश की मानसिकता में बदलाव देखने को मिल रहा है।

भारत की आर्थिक स्थिति पर वैश्विक प्रभाव

भारत में इक्विटी बाजार में भारी गिरावट को देखते हुए, वैश्विक फंड्स ने भारत से अपनी निकासी शुरू कर दी है। यह फंड्स, जो भारतीय इक्विटी बाजार में एक महत्वपूर्ण निवेशक होते थे, अब विदेशी बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। अमेरिका और यूरोप के कुछ प्रमुख बाजारों में उथल-पुथल के बावजूद, ये फंड्स अपने निवेशों को पुन: देने में लगे हुए हैं।

विदेशी बाजारों का भारत पर प्रभाव

खासकर अमेरिका और यूरोप में आर्थिक अनिश्चितता, जैसे ब्याज दरों में वृद्धि और मंदी की आशंका ने भारतीय बाजार को भी प्रभावित किया है। जब विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से बाहर निकलते हैं, तो इसका असर घरेलू निवेशकों पर भी पड़ता है। अमेरिका और यूरोप में वृद्धि दरों के बढ़ने के कारण इन बाजारों में निवेश आकर्षक हो सकता है, जिससे भारतीय बाजार से पूंजी का बहाव होता है।

भारत में आर्थिक अस्थिरता और भविष्य की राह

इस गिरावट का असर केवल निवेशकों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। आर्थिक अस्थिरता, उच्च मुद्रास्फीति, और ब्याज दरों का प्रभाव भी भारतीय बाजारों में दिख रहा है। ये बदलाव खुदरा व्यापारियों के मनोबल पर असर डाल रहे हैं, और यह देखा जा सकता है कि उनमें से कुछ ने अपनी परिसंपत्तियों को बेचने का विकल्प चुना है। हालांकि, भारत का दीर्घकालिक आर्थिक दृष्टिकोण मजबूत है, लेकिन वर्तमान में खुदरा निवेशकों का विश्वास थोड़ा डगमगा गया है। अगर भारतीय शेयर बाजार में तेजी लानी है तो निवेशकों के विश्वास को पुनः स्थापित करना आवश्यक होगा। इसके लिए सरकार और वित्तीय संस्थानों को सहयोग बढ़ाने और निवेशकों के लिए स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता होगी।

बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच निवेशकों का मनोबल बनाए रखना अहम

बहरहाल भारत में खुदरा व्यापारियों की कठिनाई यह दर्शाती है कि किसी भी बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच निवेशकों का मनोबल बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां भी इस गिरावट में योगदान दे रही हैं, फिर भी भारतीय बाजार की अस्थिरता ने निवेशकों को एक कठिन परीक्षा में डाला है। अब यह देखना होगा कि भारतीय सरकार और वित्तीय क्षेत्र इस समय में निवेशकों का विश्वास कैसे वापस लाते हैं और भारतीय इक्विटी बाजार को फिर से स्थिर करते हैं।

Published on:
23 Mar 2025 01:29 pm
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