8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन व पेंशन में संशोधन का रास्ता तय करेगा।
8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के बनने का ऐलान होने के 8 महीने बाद भी अब तक इस पर कोई काम नहीं शुरू हुआ है। न तो आयोग के अध्यक्ष-सदस्य चुने गए हैं और न ही Terms of Reference (ToR) फाइल हुआ है। यहां तक कि इसकी अधिसूचना तक नहीं जारी हो पाई है। अधिसूचना में देरी को लेकर केंद्र सरकार ने साफ किया है कि प्रक्रिया में देरी का कारण वित्तीय बाधा नहीं, बल्कि 3 अहम मंत्रालय और राज्यों से अब तक प्रतिक्रिया न आना है। यानी इनके फाइल रोकने के कारण ही फाइनेंस मिनिस्ट्री 8वें वेतन आयोग पर आगे नहीं बढ़ पा रही है।
राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि सरकार ने जनवरी और फरवरी 2025 में 3 प्रमुख मंत्रालयों-डिफेंस, होम और पर्सनल डिपार्टमेंट (DoPT) के साथ-साथ राज्यों से भी इनपुट मांगे थे। लेकिन कई जगहों से अब तक जवाब नहीं मिला है। यही वजह है कि आयोग की अधिसूचना जारी होने में विलंब हो रहा है।
सांसद जावेद अली खान ने सरकार से पूछा था कि 8वें वेतन आयोग के गठन में देरी क्यों हो रही है? किन-किन हितधारकों से सलाह ली गई? कितनी प्रतिक्रिया मिली? और क्या वित्तीय संसाधनों की कमी भी एक कारण है? मंत्री ने कहा कि सरकार ने आयोग गठन का फैसला ले लिया है और वित्तीय स्थिति को लेकर कोई बाधा नहीं है।
उन्होंने यह भी साफ किया कि आयोग के गठन और नियुक्तियों की अधिसूचना उचित समय पर जारी की जाएगी। हालांकि, इस प्रक्रिया के लिए कोई निश्चित डेडलाइन तय नहीं की गई है। 8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन व पेंशन में संशोधन का रास्ता तय करेगा। पिछली बार 7वां वेतन आयोग 2014 में गठित हुआ था, जिसकी सिफारिशें 2016 से लागू की गई थीं।
कर्मचारी संगठनों की लंबे समय से मांग रही है कि 8वें वेतन आयोग का गठन जल्द किया जाए ताकि 1 जनवरी 2026 से इसकी सिफारिशें लागू हो सकें। लेकिन अब मंत्रालयों और राज्यों की देरी के कारण समयसीमा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। सरकार के इस खुलासे ने साफ कर दिया है कि गेंद अब मंत्रालयों और राज्यों के पाले में है, जिनके जवाब आने के बाद ही आगे कुछ काम होगा।