कारोबार

Non-Veg Milk क्या है, जिसके कारण रुकी हुई है अमेरिका से Trade Deal, क्यों भारत ने इस मुद्दे पर कर दिया साफ मना?

What is Non Veg Milk: अमेरिका चाहता है कि वह अपने एग्री और डेयरी प्रोडक्ट्स भारत में बेचे। लेकिन भारत ने अपने नागरिकों के हितों की सुरक्षा के लिए यह डिमांड मानने से मना कर दिया है।

2 min read
Jul 15, 2025
अमेरिका भारत में अपने डेयरी प्रोडक्ट्स बेचना चाहता है। (PC: Pixabay)

क्या आपने कभी Non-Veg Milk के बारे में सुना है? यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसने भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को रोककर रखा हुआ है। दरअसल, अमेरिका भारत के साथ एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर में कारोबार खोलना चाहता है। भारत में एग्री और डेयरी प्रोडक्ट्स की जबरदस्त खपत है। इसलिए अमेरिका को इन सेक्टर्स के लिए भारत में बहुत बड़ा मार्केट नजर आ रहा है। लेकिन भारत अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए अपना मार्केट नहीं खोलना चाहता। इसकी बड़ी वजह 'नॉन-वेज मिल्क' भी है। भारत ने साफ कह दिया है कि वह अपने कल्चरल कंसर्न्स के चलते यह डिमांड स्वीकार नहीं करेगा।

ये भी पढ़ें

Multibagger Stocks: सिर्फ 7 दिन में इस शेयर ने दिया 46% रिटर्न, 2 महीने में किया पैसा डबल, Adani Group की है कंपनी पर नजर

क्या है नॉन-वेज मिल्क?

नॉन-वेज मिल्क यानी वे डेयरी प्रोडक्ट्स जो ऐसे पशुओं के हैं, जिनको मांस खिलाया जाता है। अमेरिका के एक दैनिक अखबार द सिएटल टाइम्स ने "पशु आहार अक्सर एनिमल पार्ट्स का मिश्रण होता है" हेडलाइन के साथ लिखा, 'गायों को अभी भी ऐसा खाना देने की अनुमति है, जिसमें सूअर, मछली, मुर्गे, घोड़े, यहां तक कि बिल्ली या कुत्ते के पार्ट्स भी शामिल हो सकते हैं। मवेशियों को प्रोटीन के लिए सूअर और घोड़े का खून भी दिया जाता है। इसके अलावा मोटा होने के लिए Tallow दिया जाता है, जो एनिमल पार्ट्स से बनी सख्त वसा होती है।'

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट (GTRI) के अजय श्रीवास्तव ने इस मामले में कहा, 'सोचिए आप एक ऐसा बटर खा रहे हैं, जो उस गाय के दूध से बना है, जिसे खून या मीट खिलाया गया है। भारत इसे कभी भी स्वीकार नहीं करेगा।' दुनिया भर में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला भारत अपने करोड़ों छोटे डेयरी किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत ने कही यह बात

भारत ने अपने नागरिकों के हितों की सुरक्षा के लिए इसे 'नॉन-नेगोशिएबल रेड लाइन' करार दिया है। यानी भारत नॉन-वेज मिल्क के मामले में बिल्कुल भी नहीं झुकेगा। भारत का कहना है कि डेयरी इंडस्ट्री 1.4 अरब से अधिक लोगों का पोषण करती है। 8 करोड़ से अधिक लोग, जिनमें से ज्यादातर छोटे किसान हैं, उन्हें इसी इंडस्ट्री से रोजगार मिलता है। भारत ने एग्रीकल्चर और डेयरी दोनों सेक्टर्स में अमेरिका की डिमांड्स को मानने से मना कर दिया है।

अमेरिका ने क्या कहा?

डेयरी और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स को अनुमति नहीं देने के भारत के रुख को अमेरिका ने एक "अनावश्यक व्यापार बाधा" बताया है। अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में यह मामला उठाया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने हिंट दिया कि भारत का नवंबर 2024 में लागू किया गया नया डेयरी प्रमाणन इस तरह की चिंताओं को नहीं बताता है।

Updated on:
16 Jul 2025 08:37 am
Published on:
15 Jul 2025 03:21 pm
Also Read
View All

अगली खबर