आइआइटी मद्रास ने क्वांटम संचार के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव अभय करंदीकर ने चेन्नई स्थित आइआइटी मद्रास रिसर्च पार्क में राष्ट्रीय क्वांटम संचार हब का वर्चुअल उद्घाटन किया है। यह पहल डीएसटी के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत की गई, जिसका उद्देश्य भारत में क्वांटम-सिक्योर संचार तकनीकों को बढ़ावा देना है।
डीएसटी के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत चेन्नई में क्वांटम संचार हब का उद्घाटन, स्टार्टअप्स को मिलेगा समर्थन
आइआइटी मद्रास ने क्वांटम संचार के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव अभय करंदीकर ने चेन्नई स्थित आइआइटी मद्रास रिसर्च पार्क में राष्ट्रीय क्वांटम संचार हब का वर्चुअल उद्घाटन किया है। यह पहल डीएसटी के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत की गई, जिसका उद्देश्य भारत में क्वांटम-सिक्योर संचार तकनीकों को बढ़ावा देना है।
इस हब को आइआइटीएम सी-डॉट संगण्य टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन के नाम से स्थापित किया गया है। केंद्र का फोकस क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, पोस्ट-क्वांटम सिक्योरिटी, क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (क्यूकेडी) नेटवर्क, क्वांटम मेमोरी और रिपीटर्स, तथा सैटेलाइट आधारित क्वांटम संचार पर रहेगा। फाउंडेशन शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और वैश्विक साझेदारों के साथ मिलकर पायलट प्रोजेक्ट, राष्ट्रीय स्तर की टेस्टबेड और डीप-टेक स्टार्टअप्स को भी समर्थन देगा।
डीएसटी सचिव अभय करंदीकर ने बताया कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत देश में कुल चार हब स्थापित किए गए हैं, जिसमें आइआइटी मद्रास का यह हब सबसे अधिक वित्तपोषित है। उन्होंने कहा कि भारत को क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में अभी और आगे बढ़ना है, लेकिन क्वांटम संचार में भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा की क्षमता रखता है। अब तक आठ स्टार्टअप्स को फंडिंग मिल चुकी है और आगे और स्टार्टअप्स को भी सहायता दी जाएगी।
आइआइटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटी के अनुसार, उन्नत संचार तकनीकें देश की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत जरूरी हैं। यह नया हब क्लासिकल कम्युनिकेशन, क्वांटम हार्डवेयर और क्वांटम थ्योरी के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाएगा, जिससे अत्याधुनिक क्वांटम संचार तकनीकों के विकास में तेजी आएगी।
IIT Madras का यह हब देश में क्वांटम संचार के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को मजबूती देगा। शैक्षणिक संस्थाओं, उद्योगों और स्टार्टअप्स के सहयोग से भारत क्वांटम सिक्योरिटी और तकनीक में अग्रणी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।