मतदाता सूची के इस विशेष पुनरीक्षण कार्य के दौरान ठग फोन करके ओटीपी पूछने तथा नकली एपीके फाइल डाउनलोड कराकर लोगों को छल रहे हैं। अधिकारियों ने आमजन से अपील की है कि एसआइआर फॉर्म भरते समय अपना मोबाइल नंबर देना पूरी तरह सुरक्षित होता है, लेकिन किसी भी अनजान व्यक्ति को ओटीपी बताना गंभीर जोखिम है।
साइबर अपराध प्रकोष्ठ ने नागरिकों को सावधान करते हुए कहा है कि हाल ही में एसआइआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) फॉर्म के नाम पर धोखाधड़ी की कई घटनाएं सामने आई हैं। मतदाता सूची के इस विशेष पुनरीक्षण कार्य के दौरान ठग फोन करके ओटीपी पूछने तथा नकली एपीके फाइल डाउनलोड कराकर लोगों को छल रहे हैं। अधिकारियों ने आमजन से अपील की है कि एसआइआर फॉर्म भरते समय अपना मोबाइल नंबर देना पूरी तरह सुरक्षित होता है, लेकिन किसी भी अनजान व्यक्ति को ओटीपी बताना गंभीर जोखिम है।
-एसआइआर फॉर्म के नाम पर फर्जी फोन कर ओटीपी पूछा जा रहा है।
-एसआइआर एपीके नाम से नकली मोबाइल एप डलवाई जा रही है।
- सरकारी नाम और प्रतीक चिह्न का उपयोग कर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।
1. ओटीपी किसी भी व्यक्ति को न बताएं, चाहे वह स्वयं को किसी सरकारी कार्यालय का कर्मचारी ही क्यों न बताए।
2. संदेहास्पद फोन आने पर स्पष्ट उत्तर दें, मैं इस विषय में केवल अपने बीएलओ या संबंधित कार्यालय से ही बात करूंगा।3. यदि फोन करने वाला दबाव बनाए, धमकी दे या बार-बार ओटीपी पूछे, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।4. किसी भी प्रकार की एसआइआर एपीके या संदिग्ध एप डाउनलोड/स्थापित न करें।
5. कोई भी सरकारी संस्था फोन, व्हाट्सऐप, संदेश या किसी एप के माध्यम से ओटीपी, बैंक विवरण, पासवर्ड आदि नहीं पूछती।
मोबाइल में सहेजे संपर्क, चित्र, संदेश और बैंक संबंधी जानकारी चोरी हो सकती है। संदेश पढ़कर बैंक खाते से धनराशि निकाली जा सकती है। सोशल मीडिया, ई-मेल और यूपीआई एप के पासवर्ड चुरा लिये जाते हैं। मोबाइल में वायरस या हानिकारक सॉफ्टवेयर डाला जा सकता है।यहां करें शिकायत
भोपाल साइबर अपराध सहायता नंबर: 9479990636
राष्ट्रीय साइबर सहायता नंबर: 1930
ऑनलाइन : साइबर क्राइम की वेबसाइट