छतरपुर

महाकुंभ के दौरान 310 किलोमीटर लंबी रेल लाइन और 17 स्टेशनों समेत आसपास ड्रोन से होगी निगरानी

आरपीएफ द्वारा लगाए गए ड्रोन कैमरों की लाइव फुटेज रेलवे सुरक्षा बल के कंट्रोल टॉवर में प्रसारित होगी। इस कंट्रोल रूम में सुरक्षा अधिकारियों को लाइव फुटेज प्राप्त होगी, जिससे उन्हें घटनास्थल पर त्वरित प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी।

2 min read
Jan 11, 2025
ड्रोन कैमरे

छतरपुर. महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल करेगा। झांसी मंड़ल की 310 किलोमीटर लंबी रेल लाइन और मानिकपुर-प्रयागराज रेल लाइन के 17 स्टेशनों समेत सभी छोटे-बड़े स्टेशनों और आसपास के इलाके में ड्रोन से निगरानी करेगी। जिससे असामाजिक तत्वों की पहचान करना और उनकी गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो सकेगा।

सुरक्षा के लिए लाइव फुटेज की होगी मॉनिटरिंग


आरपीएफ द्वारा लगाए गए ड्रोन कैमरों की लाइव फुटेज रेलवे सुरक्षा बल के कंट्रोल टॉवर में प्रसारित होगी। इस कंट्रोल रूम में सुरक्षा अधिकारियों को लाइव फुटेज प्राप्त होगी, जिससे उन्हें घटनास्थल पर त्वरित प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी। इन कैमरों का उपयोग प्लेटफार्मों, रेलवे यार्ड, ट्रैक और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बनाए रखने के लिए किया जाएगा। आरपीएफ के अधिकारियों के अनुसार इन ड्रोन कैमरों को संचालित करने के लिए विशेष तकनीकी प्रशिक्षण रेलवे सुरक्षा बल के स्टाफ को प्रदान किया गया है, ताकि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में सही तरीके से कार्रवाई कर सकें।

रेलवे ट्रैक के आसपास के गांवों पर भी होगी नजर


महाकुंभ के दौरान सिर्फ रेलवे स्टेशनों और रेल लाइनों की ही सुरक्षा नहीं बल्कि आरपीएफ ने रेलवे ट्रैक के पास स्थित गांवों, कस्बों और झुग्गी-झोपडयि़ों में भी विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग और बाहरी व्यक्तियों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाएगी, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना समय रहते मिल सके। आरपीएफ के अधिकारियों के अनुसार यह कदम रेलवे की सुरक्षा को और भी मजबूत करने के लिए उठाया गया है। आसपास के इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने के लिए इनपुट जुटाए जाएंगे, जिससे संभावित खतरों का समय रहते पता लगाया जा सके और उन्हें नष्ट किया जा सके। इस रणनीति के तहत रेलवे ट्रैक के नजदीकी इलाकों में सुरक्षा गार्डों की तैनाती भी की जाएगी।

महाकुंभ में एआई व पानी के अंदर भी कैमरे लगाए


उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष के महाकुंभ को डिजिटल महाकुंभ बनाने को प्राथमिकता दी है। इसमें उच्च-तकनीकी सुरक्षा उपायों का उपयोग कर रहे हैं। महाकुंभ क्षेत्र की निगरानी के लिए, एआई-संचालित कैमरे, ड्रोन, एंटी-ड्रोन और बंधे हुए ड्रोन काम कर रहे हैं। पहली बार ड्रोन नदियों के पानी के नीचे 24/7 निगरानी करेंगे, जिससे पवित्र संगम स्नान के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित होगी। विशेष रूप से ये ड्रोन उन्नत तकनीक से लैस हैं जो उन्हें कम रोशनी की स्थिति में प्रभावी ढंग से काम करते हैं। ये अत्याधुनिक पानी के भीतर ड्रोन 100 मीटर तक की गहराई तक काम करते हैं और एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र को वास्तविक समय की रिपोर्ट भेजते हैं।

इनका कहना है


महाकुंभ में जहां यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखा गया है। वहीं सुरक्षा को लेकर भी रणनीति बनाई गई है। ड्रोन कैमरों से 24 घंटे लाइव निगरानी का खाका तैयार किया गया है। इस संबंध में आरपीएफ के आईजी अमिय नंदन सिन्हा की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं।आरपीएफ की टीम इस पर लगातार काम कर रही है।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ, झांसी मंडल

Published on:
11 Jan 2025 10:41 am
Also Read
View All

अगली खबर