गैस शवदाह गृह के संचालन से दाह संस्कार की प्रक्रिया पहले की तुलना में अधिक समयबद्ध, स्वच्छ और नियंत्रित होगी। लकड़ी की भारी खपत में कमी आने से वनों के संरक्षण के साथ-साथ धुएं और राख से होने वाले प्रदूषण में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।
अंतिम संस्कार जैसी संवेदनशील प्रक्रिया को गरिमा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने की दिशा में छतरपुर नगर ने एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। नगरपालिका परिषद छतरपुर द्वारा सागर संभाग का पहला आधुनिक गैस शवदाह गृह भैसासुर मुक्ति धाम में तैयार कर बुधवार को विधिवत रूप से जनता को समर्पित कर दिया गया।
लगभग 50 लाख रुपए की लागत से निर्मित इस अत्याधुनिक सुविधा का लोकार्पण छतरपुर विधायक ललिता यादव एवं नगरपालिका अध्यक्ष ज्योति चौरसिया के करकमलों से सम्पन्न हुआ। यह परियोजना न केवल छतरपुर बल्कि पूरे सागर संभाग के लिए एक मिसाल मानी जा रही है।
लोकार्पण अवसर पर विधायक ललिता यादव ने कहा कि गैस शवदाह गृह की शुरुआत छतरपुर के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। पारंपरिक लकड़ी आधारित दाह संस्कार जहां वनों की कटाई और वायु प्रदूषण का कारण बनता है, वहीं गैस शवदाह गृह इस समस्या का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करता है। यह सुविधा भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ नागरिकों को सम्मानजनक और सुव्यवस्थित व्यवस्था उपलब्ध हो सकेगी।
नगरपालिका अध्यक्ष ज्योति चौरसिया ने जानकारी देते हुए बताया कि गैस शवदाह गृह में देह संस्कार के लिए मात्र 2 हजार रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यम वर्गीय परिवार भी इस सुविधा का लाभ आसानी से ले सकें। उन्होंने कहा कि नगर पालिका परिषद का उद्देश्य केवल विकास कार्य कराना ही नहीं, बल्कि नागरिकों को स्वच्छ, आधुनिक और संवेदनशील सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
गैस शवदाह गृह के संचालन से दाह संस्कार की प्रक्रिया पहले की तुलना में अधिक समयबद्ध, स्वच्छ और नियंत्रित होगी। लकड़ी की भारी खपत में कमी आने से वनों के संरक्षण के साथ-साथ धुएं और राख से होने वाले प्रदूषण में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।
लोकार्पण कार्यक्रम में सीएमओ माधुरी शर्मा, वार्ड पार्षद रामदयाल यादव, दिलीप रैकवार, पार्षद प्रतिनिधि सुनील वर्मा, पुष्पेंद्र कुशवाहा, दीपक शिवहरे, इंजीनियर महेंद्र पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित रहे।