छतरपुर

47.70 करोड़ की जलावर्धन योजना धीमी गति की भेंट चढ़ी, महाराजपुर और गढ़ीमलहरा को दो साल और पानी का इंतजार

जलावर्धन योजना अब काम की धीमी रफ्तार और लापरवाही के कारण लोगों की उम्मीदों को तोड़ रही है। योजना के तहत उर्मिल बांध से पानी लाकर दोनों नगरों में सप्लाई की जानी थी, लेकिन इंटकवेल का निर्माण तक शुरू नहीं हो पाया है।

2 min read
May 13, 2025
नगरपालिका परिषद महाराजपुर

छतरपुर. महाराजपुर और गढ़ीमलहरा नगर के हजारों निवासियों को जल संकट से निजात दिलाने के लिए शुरू की गई 47.70 करोड़ रुपए की जलावर्धन योजना अब काम की धीमी रफ्तार और लापरवाही के कारण लोगों की उम्मीदों को तोड़ रही है। योजना के तहत उर्मिल बांध से पानी लाकर दोनों नगरों में सप्लाई की जानी थी, लेकिन इंटकवेल का निर्माण तक शुरू नहीं हो पाया है। इससे साफ हो गया है कि आगामी दो वर्षों तक नागरिकों को नियमित जल आपूर्ति नहीं मिल सकेगी।

2023 में जारी हुआ वर्क ऑर्डर, 2024 की गर्मियों में शुरू होना था काम


उल्लेखनीय है कि जलावर्धन योजना के पैकेज नंबर 6-एम के अंतर्गत महाराजपुर और गढ़ीमलहरा नगर को जोडऩे वाली इस महत्वाकांक्षी योजना का वर्क ऑर्डर 7 अक्टूबर 2023 को जारी किया गया था। इस योजना में उर्मिल बांध पर इंटकवेल का निर्माण, गढ़ीमलहरा में फिल्टर प्लांट, दोनों नगरों में पानी की टंकी तथा 15-15 वार्डों में पाइपलाइन बिछाकर नल कनेक्शन देने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन, योजना को सक्रिय रूप देने की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रोजेक्ट मैनेजर की लापरवाही के कारण 2024 की गर्मियों में शुरू होने वाला इंटकवेल कार्य अब तक ठप है। नतीजतन, जलापूर्ति की प्रक्रिया पूरी तरह से रुकी हुई है।

नई पाइपलाइन से पुरानी लाइनें क्षतिग्रस्त, स्थिति और बदतर


वर्तमान में नगरों में पुरानी पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति हो रही है, लेकिन नए निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार द्वारा इन लाइनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इससे गढ़ीमलहरा के वार्ड 1, 13, 14 और 15 में सबसे ज्यादा जल संकट देखने को मिल रहा है। पानी की सप्लाई ठप होने से लोग कुओं, हैंडपंपों और खेतों के जल स्रोतों पर निर्भर हैं।

महाराजपुर में भी हालात खराब, काम अधूरा और बंद


महाराजपुर नगर पालिका के 15 वार्डों में से वार्ड 12 और 13 में पहले से ही पाइपलाइन नहीं है, जबकि अन्य वार्डों में 5 से 8 दिन में एक बार पानी मिलता है। 6 से 10 नंबर वार्ड जैसे खंदिया मोहल्ला, कुसमा, जमींदारी मोहल्ला और पुराना बाजार जल संकट से बुरी तरह प्रभावित हैं। मुक्तिधाम के पास निर्माणाधीन पानी की टंकी का काम भी पिछले तीन महीने से बंद पड़ा है। इसी तरह गढ़ीमलहरा की टंकी का निर्माण धीमी गति से हो रहा है और पाइपलाइन बिछाने का काम अधर में लटका है।

प्रोजेक्ट का 26 फीसदी हुआ काम


एमपीयूडीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर पीडी तिवारी के अनुसार फिलहाल 26 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। जैसे ही जलस्तर कम होगा, इंटकवेल का कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि योजना का यही हाल रहा, तो निर्धारित तिथि 6 फरवरी 2027 तक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाएगा।

रहवासी परेशान


गांवों और कस्बों के लोग प्रशासन और संबंधित विभाग की लापरवाही से न केवल जल संकट से जूझ रहे हैं, बल्कि उन्हें भविष्य में भी राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने योजना की निगरानी और समयबद्ध पूर्णता की मांग उठाई है।

Published on:
13 May 2025 10:38 am
Also Read
View All

अगली खबर