MP News: उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले खजुराहो और टीकमगढ़ रेलवे स्टेशन समेत एमपी के 19 रेलवे स्टेशनों की बदलेगी सूरत, जानें आखिर क्या कदम उठा रहा है उत्तर मध्य रेलवे (NCR)...
MP News: उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले खजुराहो और टीकमगढ़ रेलवे स्टेशन जल्द ही हरित ऊर्जा से लैस होकर पूरी तरह ऊर्जा आत्मनिर्भर बन जाएंगे। एनसीआर के बिजली विभाग द्वारा तैयार की गई रणनीतिक योजना के तहत अब ये स्टेशन पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि सौर ऊर्जा के माध्यम से अपनी संपूर्ण ऊर्जा जरूरतें स्वयं पूरी करेंगे।
रेलवे की इस हरित पहल को भारत सरकार के ऊर्जा संरक्षण ब्यूरो (बीईई) द्वारा भी मान्यता मिली है। बीईई द्वारा शून्य और शून्य-प्लस ऊर्जा प्रमाणपत्र उन भवनों को दिए जाते हैं जो या तो अपनी ऊर्जा खपत को न्यूनतम करते हैं उन्हें शून्य या उत्पादन में आत्मनिर्भर होकर अतिरिक्त ऊर्जा उत्पन्न करने पर शून्य-प्लस का प्रमाणपत्र मिलता है।
वर्ष 2024-25 के दौरान एनसीआर के 10 भवनों को शून्य और शून्य-प्लस प्रमाणन प्राप्त हुआ है। इनमें धौलपुर का यात्री आरक्षण कार्यालय, झांसी वैगन मरम्मत कारखाना परिसर, अलीगढ़ पार्सल कार्यालय, कानपुर विद्युत लोको शेड के 4 भवन और प्रयागराज महाप्रबंधक कार्यालय के 3 भवन शामिल हैं।
अब रेलवे ने खजुराहो और टीकमगढ़ रेलवे स्टेशन सहित 19 नए भवनों को चिन्हित किया है, जिन्हें ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की योजना है। इन भवनों में आधुनिक सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे जो 100 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति करेंगे। एनसीआर के महाप्रबंधक ने कहा कि खजुराहो और टीकमगढ़ जैसे पर्यटन एवं क्षेत्रीय महत्व वाले स्टेशनों को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना न सिर्फ आर्थिक रूप से रेलवे को मजबूत करेगा, बल्कि देशभर में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में एक आदर्श स्थापित करेगा।
एनसीआर ने वर्ष 2024-25 में 12.7 मेगावॉट सौर संयंत्रों से 11.87 मिलियन यूनिट स्वच्छ बिजली का उत्पादन किया, जिससे 5.34 करोड़ की बचत हुई और 9968 मीट्रिक टन सीओटू उत्सर्जन रोका गया। रेलवे ने जून 2025 तक 17.84 मेगावॉट अतिरिक्त सौर संयंत्र लगाने का लक्ष्य तय किया है। इससे हर साल 32.3 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन, 14.9 करोड़ की बचत और 27187 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी का अनुमान है।