शहर में करीब 2500 पंजीकृत ई-रिक्शा हैं, लेकिन इसके अलावा कई गैर-पंजीकृत ई-रिक्शा भी सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। ऐसे में बिजली कंपनी अब ई-रिक्शा की डिटेल निकालकर कार्रवाई करने जा रहा है।
शहर में हर महीने ई-रिक्शा की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। कम खर्च में अधिक मुनाफा कमाने की चाह में बड़ी संख्या में लोग ई-रिक्शा खरीद रहे हैं। लेकिन शहर की यातायात व्यवस्था और बिजली विभाग के लिए यह नए संकट का कारण बनता जा रहा है। ई-रिक्शा के लिए न तो कोई सुव्यवस्थित चार्जिंग व्यवस्था है और न ही इनकी बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में शहर में करीब 2500 पंजीकृत ई-रिक्शा हैं, लेकिन इसके अलावा कई गैर-पंजीकृत ई-रिक्शा भी सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। ऐसे में बिजली कंपनी अब ई-रिक्शा की डिटेल निकालकर कार्रवाई करने जा रहा है।
चार्जिंग स्टेशन न होने से ई-रिक्शा चालक अपने वाहनों को घरों पर ही घरेलू बिजली से चार्ज कर रहे हैं। इससे न केवल बिजली चोरी के मामले बढ़ रहे हैं, बल्कि गर्मी के इस मौसम में बिजली का लोड भी काफी हद तक बढ़ गया है। बिजली विभाग के अधिकारियों की मानें तो एक ई-रिक्शा को चार्ज करने में औसतन 6 से 8 यूनिट तक बिजली की खपत होती है। यदि इसे घर की घरेलू कनेक्शन से चार्ज किया जाता है, तो यह सीधा घरेलू उपभोग सीमा को पार कर ट्रांसफॉर्मर पर अतिरिक्त दबाव डालता है। कई क्षेत्रों में लोड बढऩे के कारण ट्रिपिंग और फाल्ट की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
मध्यप्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के लिए अलग से बिजली कनेक्शन लेना अनिवार्य है। इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ता द्वारा घरेलू कृषि या अन्य प्रयोजन से बिजली कनेक्शन का उपयोग करते हुए वाहन चार्ज नहीं किया जा सकेगा। ऐसा करने पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 की उप धारा 2 के तहत वाहन जब्त किया जा सकता है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत वाहन के चार्जिंग के लिए बिजली की दरें भी अलग से तय की गई है।
यातायात व्यवस्था भी ई-रिक्शा की बेतरतीब बढ़ोतरी से प्रभावित हुई है। मुख्य चौराहों और बाजार क्षेत्रों में अक्सर ई-रिक्शा अनियमित ढंग से खड़े हो जाते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति निर्मित होती है। नियमों की अनदेखी और निगरानी की कमी के चलते न तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्यता का पालन हो रहा है और न ही ई-रिक्शा चालकों को ट्रैफिक अनुशासन की कोई ट्रेनिंग दी जा रही है।
जरूरत है कि प्रशासन ई-रिक्शा के लिए समुचित चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करे, बिजली चोरी पर सख्ती से रोक लगाए और यातायात को व्यवस्थित करने के लिए चालकों को प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन दे। इससे न केवल ऊर्जा संकट पर काबू पाया जा सकेगा, बल्कि शहरी यातायात व्यवस्था को भी सुगम बनाया जा सकेगा।
हमने आरटीओ में पंजीकृत ई-रिक्शा की जानकारी ली है। घरेलू कनेक्शन से ई-रिक्शा जार्च करने पर कार्रवाई की जाएगी।
अमर श्रीवास्तव, कार्यपालन अभियंता