छिंदवाड़ा

Adventure Festival: तामिया एडवेंचर में पहुंचे हजारों पर्यटक, अर्थ व्यवस्था गुलजार

- महानगरों से भी आए पर्यटक, फिर मिलेंगे के संकल्प के साथ फेस्टिवल का समापन

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जिला प्रशासन व टूरिज्म बोर्ड के संयुक्त प्रयासों से आयोजित तामिया एडवेंचर फेस्टिवल को देश भर के पर्यटकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। सात दिन तक चले एडवेंचर फेस्टिवल में हजारों पर्यटकों ने शिरकत की और विभिन्न रोमांचकारी एक्टिविटी में भाग लिया। इस फेस्टिवल ने तामिया अंचल की अर्थव्यवस्था को गुलजार कर दिया। अब तक हुए सारे एडवेंचर फेस्टिवल में इस साल का आयोजन सबसे बेहतर साबित हुआ और रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक तामिया फेस्टिवल में आए। इस फेस्टिवल में सात दिन के दौरान 60 हजार से अधिक लोगों की आवाजाही बनी रही और 10 से 12 हजार पर्यटकों ने प्रत्यक्ष रूप से एक्टिविटी में सहभागिता करके रोमांच का अनुभव किया।

तामिया एडवेंचर फेस्टिवल में सबसे ज्यादा आकर्षक का केंद्र पैरामोटर रहा। हवा में उडऩे का रोमांच चाहने वाले पर्यटकों ने इसका भरपूर फायदा लिया। नर्मदापुरम, बैतूल, नागपुर, अमरावती, वर्धा, सिवनी, मंडला सहित छिंदवाड़ा के पर्यटकों ने पैरामोटर मेंबैठकर उड़ान भरी। यहां पर पैरामोटर, हॉट एयर बेलून, पैरासेलिंग, जिप लाइन, एटीवी बाइक, रॉक क्लाईविंग, बर्मा ब्रिज, स्टार गेंजिग, रोप ऑपेस्टिकल, कमांडोनेट, रायफल सूटिंग/आर्चरी, बंजी इंजेक्शन, बंजी पेड, बुल राइड जैसी साहसिक गतिविधियां संचालित की गईं, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी भाग लिया। शुक्रवार को भी बड़ी संख्या में पर्यटक रातेड़ बेस कैम्प पहुंचे और एक्टिविटी की। फिर मिलेंगे के संकल्प के साथ तामिया फेस्टिवल का समापन हुआ। इस अवसर पर जुन्नारदेव एसडीएम कामिनी ठाकुर, तामिया सीईओ संतोष मांडलिक, तहसीलदार युवराज बालरे, जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के नोडल अधिकारी बलराम राजपूत, पर्यटन प्रबंधक गिरीश लालवानी उपस्थित थे।

पर्यटकों ने खरीदी जड़ी-बूटियां

तामिया एडवेंचर फेस्टिवल में दूर-दराज से आए पर्यटकों के लिए पातालकोट में मिलने वाली जड़ी-बूटियां कौतूहल का विषय रहीं। तमाम तरह की जड़ी-बूटियों की बिक्री भी जबरदस्त रही। पर्यटकों ने इनके उपयोग और फायदे के बारे में जाना। पर्यटकों ने जड़ी-बूटी स्टॉल पर यादगार तस्वीरें भी कैमरे में कैद की।

छा गई मक्का की रोटी और चटनी

तामिया एडवेंचर में पातालकोट का खान-पान पर्यटकों को भा गया। यहां स्थानीय ग्रामीणों ने यहां व्यंजन के 25 से भी अधिक फूड स्टॉल लगाए थे, जहां मक्का की रोटी, चटनी, भर्ता और चने की भाजी परोसी गई, जिसे पर्यटकों ने खरीदकर चाव से खाया। इस फेस्टिवल ने पूरे अंचल की अर्थव्यवस्था को बहुत मजबूत किया।

Published on:
04 Jan 2025 10:30 am
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