रविवार की रात तक के लिए बचा था एलम का स्टॉक, मिट्टी युक्त पानी की सप्लाई से बचने कन्हरगांव डैम से ले रहे रॉ-वाटर
नगर निगम शहर के 43 हजार से अधिक घरों में सप्लाई करने वाले पानी की शुद्धता पर संकट बन गया है। शुद्धता के लिए इस्तेमाल होने वाला एलम फिर एक बार खत्म होने की कगार पर है। रविवार की शाम को भरतादेव फिल्टर प्लांट के साढ़े 11 एमएलडी यूनिट मे सिर्फ दर्जनभर ही एलम की सिल्लियां बची हुई मिली। जबकि पानी को साफ करने के लिए साफ मौसम में भी हर घंटे दो सिल्ली की जरूरत पड़ती है। हालांकि पेयजल सप्लाई प्रबंधन ने एलम की कमी को देखते हुए उक्त प्लांट में कुलबेहरा नदी से रॉ वाटर रोककर, कन्हरगांव डैम से पानी की सप्लाई शुरू कर दी है, ताकि रॉ वाटर को कम साफ करना पड़े। जबकि दूसरी 15.75 यूनिट में कुलबेहरा नदी से ही पानी की सप्लाई की जा रही है। लेकिन एलम के बिना इस पानी को पूर्ण शुद्ध कर पाना सम्भव नहीं है। यह तीन माह में तीसरी बार है जब एलम की कमी हुई है।
विगत तीन माह में दो बार 40-40 टन एलम आ चुका है। इसके बाद भी फिल्टर प्लांटों में एलम की कमी बनी रहती है। एलम की सबसे अधिक जरूरत बारिश के मौसम में पड़ती है, जबकि गर्मी एवं ठंड में एलम की जरूरत काफी कम पड़ती है। ऐसे में बारिश पूर्व एलम का पर्याप्त स्टॉक कर लिया जाना चाहिए। अचानक किसी समय भी माचागोरा, कन्हरगांव या कुलबेहरा नदी क्षेत्र में बारिश होने के बाद एलम की खपत दो से चार गुना अधिक तक हो जाती है। यदि एलम का उपयोग नहीं किया गया तो, मिट्टी युक्त पानी फिल्टर मीडिया को जाम कर सकता है। इसे साफ करने के लिए बार बार बैकवॉश करना पड़ता है। इसके बाद भी यदि लगातार मिट्टी युक्त पानी फिल्टर मीडिया में पहुंचता रहा तो फिल्टर मीडिया के 6 लेयर को जल्द ही बदलना पड़ सकता है। एक फिल्टर मीडिया को बदलने के लिए लाखों रुपए की रेत, गिट्टी एवं कम से कम तीन दिन का समय लगता है।
एलम की खेप आने के बाद पूरी स्टॉक भरतादेव फिल्टर प्लांट में ही उतारना पड़ता है। धरमटेकरी फिल्टर प्लांट में छोटे वाहन पहुंचने के लिए रास्ते तो हैं परंतु ट्रक को नहीं पहुंचाया जा सकता। इस कारण ट्रक से आने वाली एलम भरतादेव फिल्टर प्लांट में ही उतारना पड़ता है। बाद में प्लांट के काम कर रहे कर्मचारी ही दोबारा ट्रैक्टर में भरकर धरमटेकरी फिल्टर प्लांट तक पहुंचाते हैं। ज्यादातर एलम की कमी वाली यूनिटों में यही चल रहा है, एक यूनिट से दूसरी यूनिट तक एलम की आपूर्ति करते है। जब पूरी तरह समाप्त होने लगता है तब ऑर्डर कर दिया जाता है।
रविवार की शाम को 37 टन एलम मंगवाने के लिए ऑर्डर दे दिया गया है। उज्जैन से गाड़ी चल चुकी है। देर रात या सुबह तक एलम की खेप पहुंच जाएगी। 11.50 एमएलडी वाले प्लांट में डैम से साफ रॉ-वाटर सप्लाई किया जा रहा है। कुलबेहरा का पानी 15.75 एमएलडी वाली यूनिट में ही पहुंच रहा है।
अभिनव कुमार तिवारी, उपयंत्री पेयजल प्रभारी निगम