वन विभाग की टीम ने उसका सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया और पेंच नेशनल पार्क के जमतरा परिक्षेत्र के जंगल में छोड़ दिया।
छिंदवाड़ा.पोआमा आंचलिक वानिकी अनुसंधान केन्द्र के आसपास चहलकदमी कर रहा तेन्दुआ गुरुवार सुबह वन विभाग के पिंजरे में फंस गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने उसका सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया और पेंच नेशनल पार्क के जमतरा परिक्षेत्र के जंगल में छोड़ दिया।
विभागीय जानकारी के अनुसार परिक्षेत्र छिंदवाड़ा अंतर्गत बीट काराबोह के पोआमा अनुसंधान केन्द्र के समीप इस तेन्दुआ को 19 नवम्बर की शाम को देखा गया था। इसकी सूचना प्राप्त होने के पश्चात् सीसीएफ मधुव्ही राज और डीएफओ ब्रिजेन्द्र श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में परिक्षेत्र छिंदवाड़ा के तीन गश्ती दल ने तेंदुए की सतत निगरानी की। साथ ही ट्रैप कैमरा व पिंजरे लगाए।इन पिंजरों में से एक में गुरुवार सुबह नर तेंदुआ आकर फंस गया। इसकी चीख पुकार सुनकर वन विभाग के रेंजर पंकज शर्मा, डिप्टी रेंजर राजेश श्रीवास्तव समेत अन्य कर्मचारी पहुंचे और उसका निर्धारित प्रक्रिया के तहत रेस्क्यू कराया। इसकी उम्र लगभग 5- 6 वर्ष है। इसके बाद इस तेन्दुआ को पेंच टाइगर रिजर्व की जमतरा परिक्षेत्र के वन क्षेत्र में छोड़ा गया।
रेंजर पंकज शर्मा ने बताया कि पिछले 19 नवंबर की शाम से तेन्दुआ के भ्रमण से इस इलाके में चिंता बढ़ गई थी। रिहाइशी इलाकों को देखकर इस क्षेत्र में कैमरा और पिंजरे लगाए गए। तेन्दुआ के पिंजरे में आते ही वन विभाग और क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली।
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दहशत में जी रहे थे लोग, नहीं पहुंचाया नुकसान
पोआमा क्षेत्र में पिछले साल 2023 में भी अगस्त महीने में तेन्दुआ का मूवमेंट था। यह कई महीने तक चला। इस साल 2024 में तेन्दुआ के पुन: आने पर पिछले एक सप्ताह से दहशत का वातावरण बन गया था। आखिरकार 8 दिन बाद तेंदुआ के पिंजरे में कैद हो गया। दो पिंजरे में एक-एक बकरी रखी गई थी। एक सप्ताह तक वह आता-जाता रहा। तेंदुए ने ना मानव और ना ही जानवरों को नुकसान पहुंचाया।
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