- 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने से गिरी लाड़ली बहनों की संख्या - नौ हजार अपात्र, अब केवल 3.98 लाख महिलाएं ले रहीं मासिक किस्त 1250 रुपए
राज्य सरकार की सबसे महत्वपूर्ण लाड़ली बहना योजना में महिलाओं की संख्या में गिरावट आई है। इसका एक सबसे बड़ा कारण महिलाओं के 60 वर्ष की आयु का पूर्ण करना है, तो वहीं कुछ हितग्राहियों की मृत्यु और स्वेच्छा से लाभ त्यागना भी बताया गया है। फिलहाल इस योजना में छिंदवाड़ा-पांढुर्ना जिले की 3.98 लाख महिलाएं प्रतिमाह 1250 रुपए पा रही हैं।
देखा जाए तो इस योजना की शुरुआत पिछले साल 2023 में विधानसभा चुनाव से छह माह पहले 10 जून से शिवराज सरकार ने की थी। इस सरकार की ओर से फॉर्म 25 मार्च से ऑनलाइन भरवाने शुरू किए गए थे। इससे जिले भर की 4.07 लाख महिलाओं ने फॉर्म दाखिल किया था। इनके सत्यापन पर उन्हें 1000 रुपए की किस्त देना दस जून 23 से शुरू किया गया था। इस बीच सरकार ने इस राशि को 1250 रुपए तक कर दिया था। अब तक सरकार 18वीं मासिक किस्त का भुगतान कर चुकी है।
इस योजना की शर्त के मुताबिक इसके योग्य होने के लिए 21 वर्ष से 60 वर्ष की आयु की महिलाएं होना चाहिए। इस डेढ़ साल में जिले की 5660 महिलाएं 60 वर्ष की आयु से अधिक होने पर बाहर हो गई हैं। इसके अलावा दूसरे कारण से भी करीब 4500 महिलाएं अपात्र हुई हैं।
जिले में मौजूद 3.98 लाख लाड़ली बहनों को सरकार की तरफ से 1250 रुपए मासिक किस्त के हिसाब से 47.90 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। पिछले 17 माह से जारी इस किस्त का औसत देखा जाए तो करीब 800 करोड़ रुपए अकेले छिंदवाड़ा-पांढुर्ना जिले की महिलाओं के खाते में आ चुके हैं। एक महिला सरकार से अब तक 20 हजार रुपए की राशि प्राप्त कर चुकी है। ये राशि उनके जीवन में आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ नया उजाला कर सकती है।
छिंदवाड़ा.