चित्तौड़गढ़

Rajasthan: भक्तों के दिल में बसे कान्हा, इस मंदिर में चढ़ाया इतना सोना और कैश कि 11 महीने में ही जमा हुए 175 करोड़

Sanwaliya seth Temple: इस बार भक्तों ने एक किलो सोने का बिस्कीट, और इसके अलावा छह सोने के छोटे बिस्कीट चढ़ाए हैं। जिनका वजन सौ-सौ ग्राम है। इस बार करीब 583 किलो वजन का एक रथ भी चढ़ाया गया है। जिसमें 454 किलो लकड़ी है और बाकि चांदी है। सोने की पॉलिश भी चढ़ाई गई है।

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Record Breaking Donations:राजस्थान के चित्तौडगढ़ जिले में स्थित श्रीकृष्ण धाम यानी सांवलिया सेठ मंदिर में भक्तों ने कान्हा पर इतना प्रेम लुटाया कि सारे रिकॉर्ड ही ध्वस्त कर डाले। सिर्फ 11 महीने में भक्तों ने कान्हा के इस मंदिर में 175 करोड़ रुपए का चढ़ावा चढ़ाया है। अमेरिकी डॉलर, नेपाल की मुद्रा, युएई की करेंसी समेत भर भर कर भारतीय करंसी है। इसके अलावा सोना, चांदी, जवाहरात बड़ी मात्रा में है। इन दो महीनों की बात की जाए तो करीब 35 करोड़ से भी ज्यादा का चढ़ावा आया है। अब मंदिर प्रबंधन भेंट डाली जाने वाली गोलख को और बड़ा बनाने की तैयारी कर रहा है। सबसे बड़ी बात अभी दिसम्बर का महीना बाकि है। नए साल में सांवलिया के दर्शन करने के लिए दुनिया भर से बड़ी संख्या में भक्त आते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार इस बाद दिवाली पर सांवलिया सेठ मंदिर प्रबंधन ने गोलख यानी दानपेटी नहीं खोली थी। इसे दो महीने के बाद अब सात दिन पहले खोला गया है। छह दिन तक लगातार गणना की गई है और उसके बाद जाकर करीब ढ़ाई किलो सोना, करीब 180 किलो चांदी, विदेशी मुद्रा समेत भारतीय करेंसी की गणना की गई है जो 35 करोड़ से ज्यादा की है। इस बार भक्तों ने एक किलो सोने का बिस्कीट, और इसके अलावा छह सोने के छोटे बिस्कीट चढ़ाए हैं। जिनका वजन सौ-सौ ग्राम है। इस बार करीब 583 किलो वजन का एक रथ भी चढ़ाया गया है। जिसमें 454 किलो लकड़ी है और बाकि चांदी है। सोने की पॉलिश भी चढ़ाई गई है।

उल्लेखनीय है कि सांवलिया सेठ के मंदिर में हर महीने गणना होती है। यह गणना महीने की चतुर्दशी तिथी को होती है। इस बार तीस नवम्बर को दानपात्र खुला और उसके बाद नियमानुसार गणना की गई। इस बार सबसे ज्यादा राशि भेंट की गई है।

Published on:
07 Dec 2024 08:27 am
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