नगर परिषद की अनदेखी के कारण मानसून से पहले जिन नालों की सफाई होनी चाहिए थी, उसका वर्क ऑर्डर अब जारी किया गया है। ऐसे में अब नालों की सफाई होगी, जबकि प्री-मानसून बारिश का दौर शुरू हो गया है।
चित्तौडगढ़़. प्री-मानसून बारिश का दौर शुरू होने वाला है और नगर परिषद की ओर से अब 150 नालों की सफाई का काम जल्द शुरू कराया जाएगा। नगर परिषद ने यह टेण्डर पूरे सालभर के लिए किया है। परिषद ने शहर के 100 के करीब नालों की अपने स्तर पर ही सफाई कराने का दावा किया है। नगर परिषद क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले नालों की प्रतिवर्ष मानसून से पहले सफाई कराई जाती है, जिससे बारिश के दौरान शहरी क्षेत्र में जलभराव नहीं हो सके। लेकिन नगर परिषद की ओर से इस बार नालों की सफाई का टेण्डर नहीं किया गया। इसके चलते शहर के अधिकांश नाले गंदगी से अटे पड़े हैं। उनमें कचरा भरा हुआ है। नालों की सफाई को लेकर राजस्थान पत्रिका में समाचार प्रकाशित कर नगर परिषद का ध्यान आकर्षित कराया। इसके बाद नगर परिषद की ओर से नालों की सफाई का टेण्डर किया है। परिषद ने शुक्रवार को ही ठेकेदार को वर्क ऑर्डर जारी किया है। ऐसे में जल्द नालों की सफाई का काम शुरू होने की उम्मीद है।
नगर परिषद आयुक्त जितेन्द्र कुमार मीणा ने बताया कि नगर परिषद क्षेत्र में 250 के करीब छोटे-बड़े नाले हैं। इसमें से करीब 100 नालों की सफाई नगर परिषद ने अपने स्तर पर कराई है। शेष 150 नालों की सफाई के लिए टेण्डर आमंत्रित किए थे। इसका वर्क ऑर्डर शुक्रवार को जारी किया। ऐसे में रविवार से नालों की सफाई का काम शुरू होगा। उन्होंने बताया कि नालों की सफाई का पूरे सालभर का टेण्डर किया है। इस पर 15 लाख रुपए खर्च होंगे।
जिले में 15 जून से प्री-मानसून बारिश की शुरुआत और इस माह के अंत तक मानसून पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। शहर के अधिकांश जगह पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बारिश के दौरान पानी वेग से बहता है। ऐसे में बारिश का पानी कचरे को भी बहाकर ले जाएगा। यह कचरा गंभीरी नदी में मिलेगा। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि तेज बारिश होने की स्थिति में नाले स्वत: ही साफ हो जाएंगे।