मंगलवार की सुबह धरने पर बैठे लोगों से एसडीएम, एएसपी, डीएसपी, थानाधिकारी ने शव लेकर अंतिम संस्कार करने व आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर वार्ता की, लेकिन पहले दौर की वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला। इस मौके पर धरने पर बैठे लोगों ने संघर्ष समिति का गठन किया।
चूरू. जिले के एक कस्बे में नाबालिग छात्रा की सोमवार की सुबह गला दबाकर की गई हत्या के मामले में परिजन सहित ग्रामीण राजकीय सीएचसी की मोर्चरी के बाहर यह कहते हुए धरने पर बैठ गए थे कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी, वे शव को नहीं लेंगे। परिजन और अन्य लोग पूरी रात धरने पर बैठे रहे।
मंगलवार की सुबह धरने पर बैठे लोगों से एसडीएम, एएसपी, डीएसपी, थानाधिकारी ने शव लेकर अंतिम संस्कार करने व आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर वार्ता की, लेकिन पहले दौर की वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला। इस मौके पर धरने पर बैठे लोगों ने संघर्ष समिति का गठन किया। संघर्ष समिति ने परिवार सहित लगभग एक दर्जन व्यक्तियों की समिति का गठन कर आगे की रूपरेखा तय की गई। संघर्ष समिति की दूसरे दौर की वार्ता सीएचसी में समाज के गणमान्य नागरिकों, परिजनों व जनप्रतिनिधियों के बीच पुलिस अधिकारियों से हुई लेकिन वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला।
वहीं, तीसरे दौर की चली वार्ता में मंगलवार देर शाम पुलिस के लिखित आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त कर दिया। एएसपी ने बताया कि धरना दे रहे परिजनों और ग्रामीणों को 5 दिनों में मृतका के हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिखित आश्वासन दिया गया और नियमानुसार मुआवजा दिलाने के आश्वासन पर सहमति बनी जिसके बाद धरना समाप्त किया गया।
सरकार ने बनाया नया कानून, शव के साथ प्रदर्शन किया तो होगी 5 साल की जेल
प्रदेश में मृत शरीर सम्मान कानून को लागू कर दिया गया है। कानून के तहत अब मृतक शरीर को रखकर विरोध-प्रदर्शन, लाश पर राजनीति और बिना वजह अंतिम संस्कार में देरी करना अपराध माना जाएगा। इस अपराध के लिए नए कानून के तहत 6 माह से लेकर 5 वर्ष तक की कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है।