चूरू के लिए ग्रीष्म ऋतु और जेठ की तपिश कोई नहीं नहीं है लेकिन इस बार गर्मी के तेवर कुछ ज्यादा तीखे नजर आ रहे है। लोग कहते हैँ कि मौसम का मिजाज अजीबोगरीब बना हुआ हैं।
चूरू. ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष नवमी तक आते आते चूरू पर खफा हुए सूर्यदेव के साथ ही नौतपा (Nautapa) से पहले ही मरुधरा में मानो भट्टीतपा आ गया है। सुबह से ही धधकते उदय हुए सूरज की तेज किरणों ने अंचल को अपनी लपेट में इस तरह लिया कि देखते देखते ही जेठ की दुपहरी में यहां आग सी बरसने लगी। हालांकि चूरू के लिए ग्रीष्म ऋतु और जेठ की तपिश कोई नहीं नहीं है लेकिन इस बार गर्मी के तेवर कुछ ज्यादा तीखे नजर आ रहे है। लोग कहते हैँ कि मौसम का मिजाज अजीबोगरीब बना हुआ हैं। मंगल की रात जहां गर्म रही तो बुधवार को सुबह से गर्मी का मिजाज तीखा रहा। बुधवार को मौसम विभाग ने न्यूनतम 32.5 तथा अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
25 मई से नौतपा
इस बार नौतपा आगामी 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक रहेगा। नौतपा एक अवधि रहेगी जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिससे 9 दिनों तक भीषण गर्मी को दौर चलेगा। जिससे घर से बाहर निकलना भी कठिन हो सकता है। ज्योतिष के अनुसार, रोहिणी नक्षत्र शुक्र देव का होता है, जो सूर्य के शत्रु नक्षत्र के रूप में माना जाता है। यही कारण है कि जब सूर्य और शुक्र एक साथ आते हैं, तो गर्मी अधिक होती है। इस दौरान तापमान अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच जाएगा और यह अवधि सबसे गर्म मानी जाएगी।
रहेगी उष्ण रात
मौसम केन्द्र के अनुसार बीकानेर सहित अन्य कुछ भागों में हीटवेव ऊष्णरात्री रहेगी। बीकानेर संभाग सहित चूरू तथा निकटवर्ती झुंझुनूं जिलों में कहीं-कहीं तीव्र हीटवेव व उष्णरात्रि दर्ज होने की प्रबल संभावना है। आगामी 48 घंटो में तापमान में 1-2 डिग्री बढ़ोतरी होने, 22-23 मई के दौरान बीकानेर संभाग व शेखावाटी क्षेत्र के कुछ भागों में अधिकतम तापमान में वृद्धि, हीटवेव तथा ऊष्णरात्री दर्ज होने की प्रबल संभावना है।
नौतपा में बैंगन खाने से हो सकती है पथरी
आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार नौतपा के दौरान शरीर और पाचन तंत्र पर गर्मी का अत्यधिक असर पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार बैंगन एक गर्म तासीर वाली सब्जी है। नौ तपा में शरीर में पहले से ही पित्त गर्मी बढ़ा होता है, ऐसे में बैंगन खाने से गर्मी और पित्त संबंधी समस्याएं जैसे मुंह के छाले, फोड़े-फुंसी, पेट में जलन और अधिक बढ़ सकती हैं। बैंगन में ऑक्जेलेट नामक यौगिक पाया जाता है। यह वही तत्व है जो शरीर में कैल्शियम ऑक्जेलेट स्टोन, सबसे आम किडनी स्टोन बनाने में सहायक हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति को पहले से पथरी की समस्या है या वह ऑक्जेलेट-संवेदनशील है, तो अत्यधिक मात्रा में बैंगन या अन्य ऑक्जेलेट युक्त भोजन खाना उसकी स्थिति को बिगाड़ सकता है। इसलिए जिन्हें पहले से पथरी है, या शरीर में पित्त/गर्मी की अधिकता है, उन्हें नौतपा जैसे गर्म मौसम में बैंगन खाने से परहेज करना चाहिए।
ये खाएं नौतपा में
खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, बेल का शरबत
छाछ, लस्सी, नींबू पानी
हल्के और सुपाच्य भोजन जैसे मूंग दाल, चावल
ठंडी तासीर वाली सब्जियाँ जैसे तोरई, लौकी, परवल
बरतें ये सावधानी
इस दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
दिन के उस समय से बचें जब सूरज अपनी पूरी ताकत से चमक रहा हो। बाहर जाने की जरूरत हो तो सिर पर कपड़ा ढककर जाएं।
इस मौसम में अत्यधिक शारीरिक श्रम से बचें और आराम करें।
अगर बाहर जाना जरूरी हो तो अधिकतर समय छांव में रहें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।