Be Aware in Scorching Sun : पत्रिका ने भीषण गर्मी से बचने और लू की चपेट में आने के बाद बचाव स्वरूप उपचार के लिए जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ. प्रहलाद पटेल से जरूरी बिंदुओं पर चर्चा की।
Be Aware in Scorching Sun :मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर शुरु हो रहा है। तेज गर्मी से खासतौर पर दोपहर में गर्म हवाएं चलने लगी हैं। बात करें सूबे के दमोह जिले की तो रविवार को यहां अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार निकल चुका है, जिसने खुले क्षेत्रों में लोगों की हालत बिगाड़ दी है। ऐसे में पत्रिका ने भीषण गर्मी से बचने और लू की चपेट में आने के बाद बचाव स्वरूप उपचार के लिए दमोह जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रहलाद पटेल से जरूरी बिंदुओं पर चर्चा की।
दोपहर के वक्त तीखी धूप से लोग हलाकान नजर आ रहे हैं। ऐसे मौसम में हीट स्ट्रोक का खतरा होता है। पत्रिका ने जिला अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. प्रहलाद पटेल से हीट स्ट्रोक के बारे में जरूरी जानकारी ली। साथ ही, अस्पताल में मिलने वाले इलाज को लेकर भी बातचीत की। ऐसे में एक्सपर्ट के नजरिये से जानते हैं कि, किन सावधानियों को बरतकर लू की चपेट में आने से बच सकते हैं या लू लगने पर किस तरह उपचार कर सकते हैं।
सवाल- 40 डिग्री तापमान पर हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है?
जवाब- व्यक्ति के शरीर का नॉर्मल तापमान 37 से 38 डिग्री के बीच रहता है। इससे अधिक गर्मी पड़ने पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। 40 डिग्री से अधिक तापमान होने पर हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इससे लोग बीमार पड़ने लगते हैं। तेज बुखार, उल्टी महसूस होना, तेज सिर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
सवाल- हीट स्ट्रोक का इलाज क्या है?
जवाब- अलग से इसका कोई इलाज नहीं है। अगर किसी को हीट स्ट्रोक के लक्षण हैं तो वो तुरंत डॉक्टर को दिखाए। सामान्य रूप से इस बीमारी से मौतें नहीं होतीं, बशर्ते समय पर इलाज किया जाए। काफी कम केस ऐसे सामने आए हैं, जिनमें बीमार व्यक्ति को आइसीयू में भर्ती करने की नौबत पड़ी है।
सवाल- पिछले सालों में किस तरह से बढ़ा है यह मर्ज?
जवाब- पांच साल में हीट स्ट्रोक के मरीज बढ़ने लगे हैं। तापमान में बहुत ज्यादा उछाल भी देखने का मिला है। गर्मी के दिनों में मेडिसिन विभाग की ओपीडी में 40 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी होती है। इसमें उल्टी, दस्त, तेज बुखार, सिर दर्द के मरीज सबसे ज्यादा रहते हैं। बच्चों के बीमार होने की आशंका ज्यादा रहती है।
सवाल- गर्मी में पानी शरीर के लिए कितना जरूरी है?
जवाब- इस मौसम में सबसे ज्यादा बीमारी की वजह पानी की कमी होती है। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करने से डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है। घर से निकलते समय पानी की बॉटल अवश्य साथ में रखें।
सवाल- अंचलों में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं?
जवाब- गर्मी के सीजन में होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए अंचलों के स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। गंभीर केस में ही मरीजों को रेफर करने के निर्देश हैं। टेली मेडिसिन से भी इलाज किया जा रहा है।