दमोह जिले के बनवार में कटनी-बीना रेल सेक्शन के घटेरा रेलवे स्टेशन पर रेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही सामने आई है। स्टेशन पर यात्रियों को जो पेयजल सप्लाई किया जा रहा है, वह न सिर्फ बेहद मटमैला और दूषित है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। दरअसल, यह पानी ब्यारमा नदी […]
दमोह जिले के बनवार में कटनी-बीना रेल सेक्शन के घटेरा रेलवे स्टेशन पर रेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही सामने आई है। स्टेशन पर यात्रियों को जो पेयजल सप्लाई किया जा रहा है, वह न सिर्फ बेहद मटमैला और दूषित है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। दरअसल, यह पानी ब्यारमा नदी के उसी कुंड से खींचकर लाया जा रहा है, जहां मवेशी बैठते हैं और आसपास की गंदगी सीधे आकर कुंड में मिलती है।
बता दें कि जिस कुंड से पानी लिया जा रहा है, उसमें आसपास के गांवों की भैंसें आकर घंटों ठंडक लेने बैठती हैं। इसके बाद भी इसी दूषित पानी को गर्मी के मौसम में यात्रियों की प्यास बुझाने पहुंचाया जा रहा है और प्लेटफार्म पर नल की टोंटियों से दूषित पानी को उपयोग करने प्यासे यात्री मजबूर हैं। इधर, अधिकारियों का कहना है कि कुंड से आ रहे पानी को फिल्टर किया जाता है, लेकिन पानी की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि घटेरा स्टेशन के जलशोधन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
पिछले साल तक घटेरा स्टेशन के समीप ब्यारमा नदी में बने अंग्रेजी शासनकाल के डेम में सालभर पर्याप्त पानी रहता था। लेकिन, इस साल डेम खाली हो चुका है। ऐसा इसलिए क्योंकि रेलवे के तीसरे पुल निर्माण के दौरान डेम क्षतिग्रस्त हो गया और जलभराव नहीं हो सका। रेलवे ने समय रहते डेम की मरम्मत भी नहीं कराई थी। अब नदी में पानी नहीं होने की वजह से रेलवे प्लेटफार्म पर सप्लाई होने वाला पानी मोटर पंप के जरिए सीधे गंदे कुंड से लाया जा रहा है।
घटेरा स्टेशन में फिल्टर प्लांट लगा है। लेकिन कुंड के दूषित पानी सप्लाई की आपने जानकारी दी है, तो कल ही टीम भेजकर जांच कराएंगे। वहीं क्षतिग्रस्त डेम की मरम्मत का मामला निर्माण विभाग के अधीन है।
अनिल चौधरी, रेलवे असिस्टेंट डिविजनल इंजीनियर