मौसम की आंख मिचौली बनी किसानों के लिए सिरदर्द
दमोह. जिले में इन दिनों मौसम की आंख मिचौली किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। बीते दिनों मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था, लेकिन अधिकांश गांवों में या तो बारिश नहीं हुई या फिर बेमौसम बूंदाबांदी वाली बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। वहीं दूसरी ओर, समय पर डीएपी खाद की अनुपलब्धता के कारण पहले ही बोवनी का कार्य पिछड़ गया था। अब मौसम साथ नहीं दे रहा, जिससे बोवनी का कार्य लगातार पिछड़ रहा है।
पिछले सप्ताह एक बार अच्छी बारिश हुई थी, जिससे किसानों को बोवनी की उम्मीद जगी थी, लेकिन अब एक बार फिर से मौसम शुष्क बना हुआ है। बादल तो छाए रहते हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही, जिससे खेतों में नमी नहीं बन पा रही। ऐसे में जिन किसानों ने बीज डाल दिए थे,उन्हें अंकुरण की चिंता सता रही है। वहीं अधिकांश किसान अभी भी बोवनी शुरू नहीं कर सके हैं।
जिले में डीएपी खाद की कमी का असर पहले ही बोवनी पर पड़ा है। सरकारी केंद्रों पर स्टॉक खत्म हो गया था, और निजी विक्रेताओं के पास खाद महंगे दामों पर मिल रही थी। इससे परेशान किसान बोवनी का समय निकलने के डर से अभी भी खाद के लिए भटक रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार खरीफ फसलों की समय पर बोवनी के लिए 30 जून तक का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। यदि इस अवधि तक पर्याप्त बारिश नहीं होती है या खेतों में नमी नहीं बनती है, तो बोवनी देर से होगीए जिससे उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
किसान महेंद्र सिंह लोधी, शरण गोस्वामी ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी समय पर खाद नहीं मिली। मौसम भी धोखा दे रहा है। बोवनी कैसे करें, यह समझ नहीं आ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार २१ से २६ जून और अब फिर ३० जून तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन २१ जून के बाद खास बारिश अभी तक नहीं हुई है। आसमान में बादल तो देखे जा रहे हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही है। ऐसे में हम किसान, जिनकी बोवनी रह गई है, वह परेशान है।