ड़ियाल कलां को पंचायत समिति नहीं बनाने और करीब दो दर्जन ग्राम पंचायतों को बैजूपाड़ा पंचायत समिति में जोड़ने के विरोध में महापंचायत आयोजित की गई।
दौसा। बड़ियाल कलां को पंचायत समिति नहीं बनाने और करीब दो दर्जन ग्राम पंचायतों को बैजूपाड़ा पंचायत समिति में जोड़ने के विरोध में गुरुवार को महापंचायत आयोजित की गई। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने एक स्वर में बड़ियाल कलां को पंचायत समिति बनाने की मांग दोहराई।
मौके पर पहुंचे अतिरिक्त जिला कलक्टर अरविंद शर्मा और एसडीओ रामसिंह राजावत को संघर्ष समिति ने पांच दिन का अल्टीमेटम दिया। समिति ने चेतावनी दी कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसके साथ ही धरना जारी रहने का एलान भी किया गया।
महापंचायत में ग्रामीण अपने-अपने ट्रैक्टर, जुगाड़, ई-रिक्शा आदि साधनों से सुबह दस बजे से पहुंचने लगे। दोपहर तक बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं उपस्थित हो गए। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के पदाधिकारी भी शामिल हुए।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष सियाराम रलावता ने कहा कि बड़ियाल कलां को पंचायत समिति बनाना आवश्यक है और यह उनका संवैधानिक हक है। जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि पवन भजाक ने कहा कि पंचायत समिति पुनर्गठन में राजनीतिकरण किया गया है, जो स्वीकार्य नहीं है।
एडवोकेट सुमेर सिंह रलावता, बसवा चेयरमैन प्रतिनिधि रामकरण सैनी, देवराज चाड, रतन पटेल, गुढ़ाशिकपुरा सरपंच विश्राम नूरपूर, सैनी समाज अध्यक्ष ताराचंद सैनी, गुलाब सिंह कुशवाह, भंवर सिंह चौहान, चतर सिंह बासडा, भगवत बासडा सहित सैकड़ों ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी बात रखी।
उन्होंने चेतावनी दी कि बैजूपाड़ा जाना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों ने एक्सप्रेस-वे को जाम करने की भी चेतावनी दी। इस दौरान एडीएम, एसडीओ, उपतहसीलदार अंगद राम नावरिया ने वार्ता की।