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Rajasthan News: राजस्थान की इस नई यूआईटी में जेडीए की तर्ज पर बनेगा मास्टर प्लान, खुलेंगे विकास के द्वार

Dausa-Bandikui UIT: नवगठित नगर विकास न्यास दौसा-बांदीकुई की पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। साथ ही आवासीय योजना लॉन्च करने के संबंध में भी चर्चा हुई।

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Jun 15, 2025
नगर विकास न्यास दौसा-बांदीकुई की बैठक में चर्चा करते अ​धिकारी। फोटो: पत्रिका

Dausa-Bandikui UIT: नवगठित नगर विकास न्यास दौसा-बांदीकुई की पहली बैठक शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से न्यास अध्यक्ष एवं जिला कलक्टर देवेंद्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इसमें न्यास की कार्यप्रणाली एवं क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

न्यास सचिव रविकांत सिंह ने बताया कि बैठक में यूआईटी के लिए पहले सौ दिन की योजना पर चर्चा कर मास्टर प्लान की तैयारी शुरू करने, न्यास के कार्यों के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की तर्ज पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने का निर्णय किया गया।

इसके अलावा सभी कार्य ई-नगर एवं राजकाज पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन करने, मॉडल बिल्डिंग बायलॉज जैसे विभिन्न नियम एवं उप-नियम अपनाने, खरीद एवं कार्य समिति बनाने, यूआईटी नियोजन अनुभाग के लिए जीआईएस लाइसेंस के लिए आवेदन करने, बैंक खाता एवं पीडी खाता खुलवाने एवं बजट प्रपोजल तैयार करने पर चर्चा की गई। धारा-3 के तहत अधिसूचना के लिए जयपुर जोन के वरिष्ठ नगर नियोजक को आवेदन भेजा जाएगा।

बैठक में न्यास सदस्य सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एमएल मीणा, जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता रमेश चंद मीणा, बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता एमएल मीणा, नगर परिषद आयुक्त कमलेश मीणा एवं कोषाधिकारी रामचरण मीणा उपस्थित थे। वरिष्ठ नगर नियोजक जयपुर जोन नितिन नेहरा वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े।

पत्थर मंडी के लिए भूमि चिह्नित होगी

राज्य बजट में घोषित पत्थर मंडी की स्थापना के लिए विभिन्न विभागों की गाइड लाइन की पालना करते हुए भूमि चिह्निकरण कर प्लानिंग करने का निर्णय भी बैठक में हुआ। साथ ही आवासीय योजना लॉन्च करने के संबंध में भी चर्चा हुई। न्यास सचिव के अनुसार प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के लिए चेकलिस्ट अपनाने, इंजीनियरिंग कार्यों, प्रपत्रों एवं अन्य प्रासंगिक प्रपत्रों को स्वीकृत करने के लिए दिशा-निर्देश, ई-गवर्नेंस नीति के निर्माण, स्टाफ की भर्ती और संबंधित स्टाफ की पोस्टिंग के लिए राज्य सरकार से अनुरोध करने, यूआईटी को भूमि हस्तांतरण, प्रतीक और साइन बोर्ड अपनाने, विभिन्न सेवाओं का संहिताकरण करने, ऋण के रूप में निधि हस्तांतरण के लिए अनुरोध प्रस्ताव भिजवाने सहित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर निर्णय किए गए।


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