Rajesh Pilot 25th death anniversary: राजेश पायलट का उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्म हुआ और वे दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने दूधवाले के रूप में काम किया। बाद में एयफोर्स ज्वाइन किए और केंद्र में मंत्री भी बने।
दौसा। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर भंडाना में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। प्रार्थना सभा में उनके बेटे और कांग्रेस नेता सचिन पायलट शामिल हुए। इससे पहले सचिन पायलट ने अपने पिता को श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि उनके पिता की सार्वजनिक सेवा, ईमानदारी और साहस हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा- 'आज स्वर्गीय पायलट साहब की 25वीं पुण्यतिथि है। आज के दिन 25 साल पहले वो उनसे जुदा हो गए थे लेकिन अपने छोटे से जीवन में उन्होंने हमें बहुत कुछ दिखाया। जब वे एक गरीब घर में पैदा हुए और देश के बड़े पदों पर पहुंचे और ये उदाहरण हमारे सामने है।'
सचिन पायलट ने कहा कि अगर सभी अच्छे और ईमानदार हों तो बड़े पदों पर रहकर राजनीति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि 'मेरे दिवंगत पिता ने एयरफोर्स में काम किया और जंग में पाकिस्तान के दांत तोड़ दिए। सेना और राजनीति में रहकर उन्होंने हमारे लिए बहुत सी यादें छोड़ी हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाली पीढ़ियां उनके दिखाए रास्ते पर चलेंगी।'
पायलट ने कहा कि उनके पिता ने युवाओं का भी बहुत साथ दिया। वे कम उम्र में ही सांसद बन गए। इंदिरा ने उन्हें चुनाव लड़वाया। उन्होंने एयरफोर्स की नौकरी छोड़ दी और हमेशा किसान, पिछड़ा और गरीब को आगे रखा। उन्होंने लोगों की मदद के लिए काम किया और राजनीति में रहते हुए जनता की आवाज उठाई। पायलट ने कहा कि मुझे लगता है कि आज हम सबके लिए वो एक बेहतरीन आदर्श हैं।
इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राजेश पायलट को श्रद्धांजलि दी। खड़गे ने एक पोस्ट में लिखा, 'भारत सही मायनों में तभी विकसित होगा, जब किसानों और मजदूरों के बच्चे पढ़कर उन पदों पर पहुंचेंगे, जहां से इस देश की नीतियां बनती हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, किसानों के हितैषी राजेश पायलट जी को उनकी 25वीं पुण्यतिथि पर हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि।'
दरअसल, उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में राजेश पायलट का जन्म हुआ और वे दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने दूधवाले के रूप में काम किया। बाद में वे भारतीय वायु सेना में शामिल हो गए। 1979 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष इंदिरा गांधी से उनकी मुलाकात ने उनके जीवन में राजनीति का अध्याय शुरू किया।
इंदिरा गांधी द्वारा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिए जाने के बाद उन्होंने भरतपुर और दौसा से अपना पहला चुनाव जीता। वे देश में एक प्रमुख गुर्जर नेता के रूप में भी उभरे। राजेश पायलट ने दूरसंचार, आंतरिक सुरक्षा और पर्यावरण मंत्री के रूप में भी कार्य किया।