IPS Convicted:चर्चित आईपीएस लोकेश्वर सिंह पर ऑफिस बुलाकर एक व्यक्ति को कपड़े उतरवाकर पीटने के आरोप सिद्ध हो गए हैं। ये मामला राज्य पुलिस प्राधिकरण में चल रहा था। प्राधिकरण ने आरोपी पूर्व एसपी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति दे दी है।
IPS Convicted:चर्चित आईपीएस लोकेश्वर सिंह मारपीट प्रकरण में दोषी पाए गए हैं। राज्य पुलिस प्राधिकरण ने गृह विभाग को उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति दे दी है। ये मामला उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से जुड़ा हुआ है। चम्पावत से ट्रांसफर होने के बाद लोकेश्वर सिंह पिथौरागढ़ जिले के एसपी बने थे। पिथौरागढ़ निवासी लक्ष्मी दत्त जोशी ने आठ फरवरी 2023 को प्रार्थना पत्र दिया था। लक्ष्मी दत्त जोशी ने आरोप लगाया था कि एसपी लोकेश्वर सिंह ने उन्हें कार्यालय बुलाकर प्रताड़ित किया था। विरोध करने पर तत्कालीन एसपी लोकेश्वर सिंह ने छह पुलिस कर्मियों को बुलाकर उनके कपड़े उतरवा दिए थे। उसके बाद उनके साथ जमकर मारपीट की गई। मारपीट में उन्हें गंभीर चोटें आई थी। आरोप है कि तत्कालीन एसपी लोकेश्वर सिंह ने उन्हें पूर्व में भी प्रताड़ित किया था। उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था। लक्ष्मी दत्त की शिकायत की राज्य पुलिस प्राधिकरण में जांच चल रही थी। कल प्राधिकरण ने फैसला सुनाते हुए तत्कालीन एसपी लोकेश्वर सिंह को दोषी करार दिया।
लोकेश्वर सिंह पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इसी साल अक्तूबर में उनका चयन यूएन में हो गया था। हिमाचल निवासी लोकेश्वर सिंह ने 11 साल तक उत्तराखंड में सेवाएं दी थी। इस दौरान वह बागेश्वर, चम्पावत, पिथौरागढ़ और पौड़ी जिले के कप्तान रहे । पौड़ी में सेवाकाल के दौरान ही उनका चयन यूएन में हो गया था। वह अगले पांच साल तक यूएन में सेवाएं देंगे। इधर, पूर्व एसपी लोकेश्वर सिंह ने राज्य पुलिस प्राधिकरण में दिए गए शपथ पत्र में आरोपों को झूठा और निराधार बताया था। उन्होंने कहा था कि लक्ष्मी दत्त जोशी एक आपराधिक किस्म के व्यक्ति हैं।प्राधिकरण ने एसपी के शपथ पत्रों में विरोधाभास पाया था।
आईपीएस लोकेश्वर सिंह बेहद ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं। बागेश्वर में एसपी पद पर रहने के दौरान कुछ लोग उन्हें पांच लाख रुपये रिश्वत देने उनके ऑफिस पहुंचे थे। एसपी ने तत्काल आरोपियों को गिरफ्तार कराकर जेल भेज दिया था। उसके बाद वह काफी चर्चाओं में रहे थे। उन्होंने बागेश्वर में अवैध खनन करने वालों पर कड़ा शिकंजा कसा था। उनकी ईमानदारी की चर्चाएं पूरे उत्तराखंड में होती हैं।