देहरादून

हर पांच साल में होगी कर्मचारियों के वेतन की जांच, नई व्यवस्था लागू, जानें वजह

New System:सरकारी और सहायता प्राप्त विभागों में कर्मचारियों के वेतन की जांच अब हर पांच साल में की जाएगी। साथ ही कर्मचारी के रिटायर होने के ठीक तीन साल पूर्व, पूरे सेवाकाल के वेतन, वेतन निर्धारण की प्रक्रिया की समीक्षा भी की जाएगी। सरकार ने राज्य में ये नई व्यवस्था लागू कर दी है।

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Nov 28, 2025
एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो

New System : हर पांच साल में कर्मचारियों के वेतन की जांच के आदेश जारी हो गए हैं। उत्तराखंड में अब हर पांच साल में सभी सरकारी और सहायता प्राप्त विभागों के कर्मचारियों के वेतन का पूरा डाटा तैयार किया जाएगा। नए आदेश के तहत कर्मचारी के रिटायर होने के तीन साल पहले पूरे सेवाकाल के वेतन, वेतन निर्धारण की प्रक्रिया की समीक्षा की जाएगी। इस दौरान यदि यह पाया गया कि किसी स्तर पर गलत वेतन निर्धारण हुआ है तो उसकी वसूली की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से शुरू होगी। बता दें कि उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों के प्रमोशन, चयन, प्रोन्नत वेतनमान के वक्त गलत वेतन निर्धारण, अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने के मामलों में बढ़ोतरी की वजह से प्रदेश सरकार ने यह व्यवस्था लागू कर रही है। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि वित्त अधिकारियों को यह व्यवस्था तत्काल लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

ढाई लाख कर्मचारी आएंगे दायरे में

इस नई व्यवस्था लागू होने से उत्तराखंड के करीब 1.5 लाख राजकीय कर्मी, 40 हजार निगम कर्मचारी और 60 हजार से ज्यादा शिक्षक इसके दायरे में आएंगे। राज्यकर्मियों के वेतन निर्धारण के लिए वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार प्रक्रिया तय की जाती है। वर्तमान में सातवें वेतन आयोग की संस्तुति के अनुरूप प्रक्रिया लागू है। इसमें हर वेतन क्रम के कार्मिक को प्रमोशन, चयन-प्रोन्नत वेतनमान व एसीपी लागू होने पर उसका वेतन ढांचा, इंक्रीमेंट और भत्तों का खाका तय है। वित्त सचिव के अनुसार, राज्य में गलत वेतन निर्धारण के चलते कई कार्मिकों को मानक से ज्यादा भुगतान के मामले सामने आ रहे हैं। त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण से ज्यादा भुगतान की गई धनराशि की रिकवरी करने पर कार्मिकों ने विभिन्न कोर्टों में वाद भी दायर किए हैं। भविष्य में इस स्थिति से बचने के लिए ही जांच की यह नई व्यवस्था लागू की जा रही है।

ये होगी व्यवस्था

रिटायरमेंट के तीन वर्ष पूर्व हर कर्मचारी के वेतन निर्धारण की प्रकिया की गहन जांच की जाएगी। गलत वेतन के मामले में रिटायर कर्मचारी की पेंशन को भी संशोधित किया जाएगा। यदि कोर्ट के आदेश से कर्मचारी से वसूली न हो तो सबंधित अफसर को पैसा चुकाना होगा। 31 जनवरी 2026 तक सभी कार्मिकों के वेतन निर्धारण का पुनरीक्षण की कट आफ डेट भी तय हो जाएगी। नई व्यवस्था के तहत सभी विभागों में 31 जनवरी 2026 तक वेतन निर्धारण की जांच कर रिकार्ड को अपडेट करना होगा। जिन मामलों में वसूली होनी है, उनमें तत्काल कार्रवाई शुरू की जाएगी।

Updated on:
28 Nov 2025 07:36 am
Published on:
28 Nov 2025 07:32 am
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