देहरादून

देहरादून में राष्ट्रपति मुर्मू का विशेष दौरा, दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण पर दिया जोर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को देहरादून में राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। उन्होंने आगंतुक सुविधा केंद्र, कैफेटेरिया और स्मारिका शॉप सहित सार्वजनिक सुविधाओं का उद्घाटन किया और राष्ट्रपति निकेतन में राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला रखी।

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Jun 21, 2025
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देहरादून में राष्ट्रपति तपोवन और निकेतन का उद्घाटन किया (Photo: IANS)

देहरादून में राजपुर मार्ग पर स्थित राष्ट्रपति तपोवन हिमालय की तलहटी के 19 एकड़ में विस्तारित राष्ट्रपति भू-सम्पदा का एक हिस्सा है। यह आध्यात्मिक आश्रय स्थल और पारिस्थितिकी संरक्षण पर बल देता है। यहां देशी वनस्पतियों से समृद्ध एक घने जंगल, तपोवन में 117 पौधों की प्रजातियां, 52 किस्म की तितलियां, 41 पक्षी प्रजातियां और सात जंगली स्तनधारी हैं, जिनमें कुछ संरक्षित प्रजातियां भी शामिल हैं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक बांस के बाग और एकांत वनस्थली पारिस्थितिकी तंत्र हैं।

1976 में हुई थी राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना

राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना 1976 में राष्ट्रपति निवास के रूप में की गई थी। इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है, जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में कार्य करता था। यह 21 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें लिली तालाब, ऐतिहासिक इमारतें, बाग और अस्तबल शामिल हैं।

कुल 132 एकड़ में विस्तारित यह राष्ट्रपति उद्यान, सार्वजनिक पार्क, सुगमता और पारिस्थितिकी उत्तरदायित्व का एक मॉडल होने के साथ-साथ दिव्यांगजनों के लिए सार्वजनिक उद्यान के रूप में पूरी तरह से सुलभ होगा। इसका उद्देश्य नागरिकों के बीच स्वास्थ्य, संस्कृति और नागरिक गौरव को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक सहभागिता केंद्र बनना है।

जैव विविधता पर विशेष पुस्तक का विमोचन

इस अवसर पर राष्ट्रपति निकेतन, राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति उद्यान की जैव विविधता पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस पुस्तक में राष्ट्रपति निकेतन, तपोवन और उद्यान की 300 से अधिक वनस्पतियों और 170 से अधिक जीवों की प्रजातियों का विवरण है, जिनमें तितलियां, पक्षी और स्तनधारी शामिल हैं। राष्ट्रपति तपोवन 24 जून से और राष्ट्रपति निकेतन 1 जुलाई से आम जनता के दर्शनार्थ खुले रहेंगे।

दिव्यांग सशक्तीकरण संस्थान का दौरा, छात्रों से संवाद

राष्ट्रपति ने देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान का दौरा किया और छात्रों से वार्तालाप भी किया। उन्होंने मॉडल स्कूल विज्ञान प्रयोगशाला और कंप्यूटर प्रयोगशाला के साथ-साथ एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया।

समावेशी समाज की आवश्यकता पर बल

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि किसी देश या समाज की प्रगति का आंकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि उस समाज में लोग दिव्यांगजनों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। भारत का इतिहास संवेदनशीलता और समावेशिता के प्रेरक प्रसंगों से भरा पड़ा है। हमारी संस्कृति और सभ्यता में मानवीय करुणा और प्रेम के भाव हमेशा से शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुगम्य भारत अभियान के माध्यम से, जो एक सुलभ भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना और संचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर जोर देता है, सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण और समान भागीदारी के लिए प्रयास कर रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। उन्नत प्रौद्योगिकी की सहायता से दिव्यांगजन भी मुख्यधारा में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान समावेशी शिक्षा प्रणाली और नवीनतम तकनीकी संसाधनों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष बल दे रहा है। उन्होंने कहा कि समाज को जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करने चाहिए।

Published on:
21 Jun 2025 08:18 am
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